次に

The Sabarmati Report Real Report Movie, Must Watch

22 ビュー· 03 11月 2025
Rohit Choudhary
Rohit Choudhary
46 加入者
46
映画

⁣फ़िल्म का विवरण
नाम: द साबरमती रिपोर्ट (The Sabarmati Report)
रिलीज़: 2024 (15 नवंबर 2024)
निर्देशक: धीरज सरना
मुख्य कलाकार:
विक्रांत मैसी (समर कुमार, एक पत्रकार)
राशि खन्ना (अमृता गिल, एक पत्रकार)
रिद्धि डोगरा (मणिका राजपुरोहित, एक सीनियर एंकर)
आधार: यह फ़िल्म 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में हुई आगजनी की वास्तविक घटना पर आधारित है।

फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
यह कहानी दो पत्रकारों के इर्द-गिर्द घूमती है जो 2002 के गोधरा ट्रेन कांड की सच्चाई को उजागर करने की कोशिश करते हैं।
भाग 1: घटना और दबा दी गई सच्चाई
फ़िल्म की शुरुआत 27 फरवरी 2002 को होती है। समर कुमार (विक्रांत मैसी), एक छोटा हिंदी पत्रकार, साबरमती एक्सप्रेस में हुई आगजनी की घटना को कवर करने के लिए गोधरा पहुँचता है। इस घटना में 59 हिंदू तीर्थयात्री (कारसेवक) मारे जाते हैं।
समर अपनी जाँच में सबूत इकट्ठा करता है, जो इस तरफ इशारा करते हैं कि यह आगजनी एक "दुर्घटना" नहीं, बल्कि एक "सुनियोजित हमला" था।
वह अपनी रिपोर्ट अपनी सीनियर एंकर मणिका राजपुरोहित (रिद्धि डोगरा) को सौंपता है। हालाँकि, न्यूज़ चैनल का मैनेजमेंट, राजनीतिक दबाव के चलते, उसकी रिपोर्ट को दबा देता है और इस घटना को एक "दुर्घटना" के रूप में प्रसारित करता है।
सच दिखाने की ज़िद के कारण समर को नौकरी से निकाल दिया जाता है और उसका करियर बर्बाद हो जाता है।
भाग 2: 'रीस्टार्ट' और नई जांच
कहानी 5-6 साल आगे बढ़ती है। समर अब एक भूला-बिसरा पत्रकार है और गुमनामी की जिंदगी जी रहा है।
तभी, एक नई और महत्वाकांक्षी पत्रकार अमृता गिल (राशि खन्ना) को इस ठंडे पड़ चुके केस पर एक फॉलो-अप स्टोरी करने का काम मिलता है।
अमृता, समर को ढूँढ निकालती है और उसे इस केस पर फिर से काम करने के लिए राज़ी करती है। दोनों मिलकर उस दबी हुई रिपोर्ट को फिर से खोलने का फैसला करते हैं।
भाग 3: सच्चाई की खोज और खतरे
जैसे ही समर और अमृता गहराई से जाँच शुरू करते हैं, वे खुद को एक बड़े राजनीतिक साजिश के जाल में फंसा हुआ पाते हैं।
उन्हें पता चलता है कि सच्चाई को छिपाने के लिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई थी और गवाहों को चुप करा दिया गया था।
मणिका (रिद्धि डोगरा), जो अब एक बहुत शक्तिशाली मीडिया हस्ती बन चुकी है, उन्हें रोकने की हर संभव कोशिश करती है। समर और अमृता को धमकियाँ मिलती हैं और उन पर हमले भी होते हैं।
भाग 4: क्लाइमेक्स और खुलासा
क्लाइमेक्स में, समर और अमृता अपनी जान जोखिम में डालकर सभी सबूतों को इकट्ठा करते हैं।
वे एक लाइव टीवी डिबेट के दौरान या अदालत की कार्यवाही के माध्यम से (जैसा कि फिल्म में दर्शाया गया है), अपनी जाँच के निष्कर्षों को जनता के सामने पेश करते हैं।
वे यह साबित करते हैं कि साबरमती एक्सप्रेस में लगी आग एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक पूर्व-नियोजित साजिश थी, जिसे एक भीड़ द्वारा अंजाम दिया गया था।
अंत (Ending):
फ़िल्म का अंत समर कुमार और अमृता गिल द्वारा सच्चाई को सफलतापूर्वक उजागर करने के साथ होता है। यह दिखाता है कि कैसे दो पत्रकार शक्तिशाली ताकतों के खिलाफ लड़कर 59 निर्दोष पीड़ितों को न्याय दिलाते हैं। फिल्म इस घटना को "दुर्घटना" के बजाय "हमला" मानती है और इसी सत्य को स्थापित करती है।

もっと見せる

 1 コメント sort   並び替え


Nidhi Sahu
Nidhi Sahu 14 時間 前に

🙁

1    0 返事
もっと見せる

次に