Geetha Govindam, Most Loved SuperHit Movie
फ़िल्म का विवरण
नाम: गीता गोविंदम (Geetha Govindam)
रिलीज़: 15 अगस्त 2018
निर्देशक: परशुराम (Parasuram)
मुख्य कलाकार:
विजय देवरकोंडा (विजय गोविंद)
रश्मिका मंदाना (गीता)
सुब्बाराजू (फणींद्र, गीता का भाई)
नित्या मेनन (नीत्या, कैमियो)
फ़िल्म की मुख्य थीम
यह एक रोमांटिक-कॉमेडी है जो "गलतफहमी" (Misunderstanding) पर आधारित है। यह विजय नाम के एक सीधे-सादे, संस्कारी लड़के की कहानी है, जो गीता नाम की एक गुस्सैल और आत्मनिर्भर लड़की का दिल जीतने की कोशिश करता है, लेकिन एक गलती की वजह से वह उसकी नज़रों में बुरी तरह गिर जाता है।
फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
भाग 1: पहली मुलाकात और बस की घटना
विजय गोविंद (विजय देवरकोंडा): एक कॉलेज लेक्चरर है, जो बहुत ही 'सभ्य' और 'संस्कारी' लड़का है। वह अपने जीवन में एक ऐसी लड़की चाहता है जो उसकी माँ जैसी हो। उसकी मुलाकात एक मंदिर में गीता (रश्मिका मंदाना) से होती है और उसे पहली नज़र में ही प्यार हो जाता है।
बस का सफर: किस्मत से, विजय और गीता दोनों को एक ही रात की बस में अगल-बगल की सीटें मिलती हैं। विजय, गीता को इम्प्रेस करने की कोशिश करता है।
गलतफहमी (The Big Twist): रात में, विजय नींद में होता है और उसका दोस्त उसे फ़ोन पर "लड़की को किस करने" की सलाह देता है। विजय नींद में ही गीता को किस करने की कोशिश करता है (या सेल्फी लेने की कोशिश में गिरता है), लेकिन गीता जाग जाती है।
गीता को लगता है कि विजय एक बदतमीज़ और ठरकी लड़का है। वह बस रुकवाती है, विजय को थप्पड़ मारती है और उसे बस से बाहर फिंकवा देती है।
भाग 2: किस्मत का खेल
विजय बुरी तरह टूट जाता है। कुछ दिनों बाद, विजय की बहन की सगाई तय होती है।
जब विजय अपनी बहन के ससुराल पहुँचता है, तो उसके होश उड़ जाते हैं। जिस लड़की से उसकी बहन की शादी होने वाली है, वह गीता का भाई, फणींद्र (सुब्बाराजू) होता है।
इसका मतलब, गीता उसकी होने वाली 'समधन' (भाभी की बहन) है।
भाग 3: नफरत और प्यार की नोक-झोंक
गीता, विजय को देखकर आग-बबूला हो जाती है। वह अपने भाई को बस वाली घटना के बारे में बताना चाहती है, लेकिन शादी टूटने के डर से चुप रह जाती है।
हालाँकि, वह विजय से बदला लेने का फैसला करती है। वह उसे नौकरों की तरह काम करवाती है, उसकी बेइज़्ज़ती करती है और उसे नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ती।
विजय, जो असल में एक अच्छा लड़का है, चुपचाप सब कुछ सहता है क्योंकि वह अपनी बहन की शादी नहीं टूटने देना चाहता और वह गीता से सच्चा प्यार भी करता है।
धीरे-धीरे, विजय के अच्छे व्यवहार, उसकी संस्कारी बातों और परिवार के प्रति उसकी इज़्ज़त को देखकर गीता का दिल पिघलने लगता है। उसे एहसास होता है कि विजय वैसा लड़का नहीं है जैसा उसने बस में समझा था।
भाग 4: क्लाइमेक्स (अंत)
जब गीता को विजय से प्यार होने ही वाला होता है, तभी उसका भाई फणींद्र, विजय और गीता को एक साथ देख लेता है।
गीता घबराकर अपने भाई से झूठ बोल देती है कि विजय उसे परेशान कर रहा है। फणींद्र, विजय को बहुत मारता है और उसे वहाँ से भगा देता है।
विजय की बहन की शादी टूट जाती है। विजय, गीता से कहता है कि उसने उसकी ज़िंदगी बर्बाद कर दी।
अंत (Ending):
शादी टूटने के बाद, गीता को अपनी गलती का बहुत पछतावा होता है। उसे पता चलता है कि विजय एक बहुत अच्छा लड़का था और बस में जो हुआ वह सिर्फ एक गलतफहमी थी।
गीता, विजय के घर जाती है और उसके परिवार वालों से माफ़ी माँगती है। वह विजय को बताती है कि वह उससे कितना प्यार करती है।
विजय, जो अभी भी उससे प्यार करता है, उसे माफ़ कर देता है। फ़िल्म का अंत विजय और गीता के एक होने के साथ होता है।

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