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Pushpa 2: The Rule Allu Arjun South Superhit Movie

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Rohit Choudhary
Rohit Choudhary
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⁣फ़िल्म का विवरण
नाम: पुष्पा 2: द रूल (Pushpa 2: The Rule)
रिलीज़: 5 दिसंबर 2024
निर्देशक: सुकुमार
मुख्य कलाकार:
अल्लू अर्जुन (पुष्पा राज)
रश्मिका मंदाना (श्रीवल्ली)
फहाद फासिल (SP भंवर सिंह शेखावत)
सुनील (मंगलम श्रीनु)
अनसूया भारद्वाज (दक्षयनी)

फ़िल्म की मुख्य थीम
अगर पहला भाग (The Rise) पुष्पा के एक मज़दूर से सिंडिकेट लीडर बनने की कहानी थी, तो दूसरा भाग (The Rule) पुष्पा के "शासन" करने, अपने दुश्मनों को खत्म करने और एक "ब्रांड" बनने की कहानी है। यह पुष्पा और भंवर सिंह शेखावत के बीच एक खुली जंग है।

फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
भाग 1: पुष्पा का गायब होना
फ़िल्म की शुरुआत में, भंवर सिंह शेखावत (फहाद फासिल) के अपमान का बदला लेने के लिए पुलिस पुष्पा राज पर एक बड़ा क्रैकडाउन करती है। पुष्पा अपने लाल चंदन के जखीरे के साथ जंगल में भाग जाता है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए एक बड़ा जाल बिछाती है।
एक सीन में, पुलिस पुष्पा पर गोलियाँ चलाती है और वह एक बाँध (Dam) से नदी में गिर जाता है। पुलिस को लगता है कि पुष्पा मारा गया। यह खबर टीवी पर फैल जाती है और पूरे तिरुपति में दंगे भड़क जाते हैं, क्योंकि आम लोग पुष्पा को अपना मसीहा मानने लगे थे।
भाग 2: पुष्पा की वापसी और "रूल" की शुरुआत
कुछ दिनों बाद, पुष्पा ज़िंदा लौट आता है (उसे जंगल के जानवर बचा लेते हैं)। उसकी वापसी एक त्यौहार की तरह मनाई जाती है। अब पुष्पा सिर्फ एक तस्कर नहीं, बल्कि लोगों के लिए एक "राजा" बन जाता है।
वह अपना "रूल" (शासन) स्थापित करता है:
नया सिंडिकेट: वह मंगलम श्रीनु (सुनील) और दक्षयनी (श्रीनु की पत्नी) के पूरे धंधे को खत्म कर देता है और उन्हें अपने नीचे काम करने पर मजबूर करता है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार: वह अपने लाल चंदन के व्यापार को सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रखता, बल्कि चीन, जापान और दुबई तक फैलाता है, जिससे वह भारत के सबसे अमीर आदमियों में से एक बन जाता है।
ब्रांड पुष्पा: वह लाल चंदन को "पुष्पा" ब्रांड के नाम से बेचता है।
भाग 3: शेखावत का बदला
भंवर सिंह शेखावत, पुष्पा को कानूनी तौर पर नहीं, बल्कि निजी तौर पर तोड़ने की कोशिश करता है। वह पुष्पा के सबसे करीबी दोस्त केशव को गिरफ्तार करता है और उसे टॉर्चर करके पुष्पा के खिलाफ गवाह बनने के लिए मजबूर करता है।
शेखावत, पुष्पा की पत्नी श्रीवल्ली (रश्मिका मंदाना) को भी परेशान करता है। एक सीन में, वह श्रीवल्ली को गिरफ्तार करने की कोशिश करता है, जिससे पुष्पा और शेखावत के बीच की दुश्मनी एक खूनी जंग में बदल जाती है।
भाग 4: क्लाइमेक्स - 'जथारा' (त्यौहार) का महा-संग्राम
फ़िल्म का क्लाइमेक्स गाँव के सबसे बड़े 'गंगम्मा जथारा' (देवी का त्यौहार) के दौरान होता है। पुष्पा, देवी का रूप धारण करके (जैसा कि पोस्टर में दिखाया गया था) उस अनुष्ठान में हिस्सा लेता है।
भंवर सिंह शेखावत, पुष्पा को उसी त्यौहार में मारने का प्लान बनाता है।
पुष्पा को शेखावत के प्लान का पता चल जाता है।
त्यौहार के बीच, पुष्पा अपने असली रूप में आता है और शेखावत और उसके गुंडों पर हमला कर देता है।
अंत (Ending):
पुष्पा, शेखावत को बुरी तरह हराने के बाद उसे पकड़ लेता है। वह शेखावत को याद दिलाता है कि पिछली बार उसने (शेखावत ने) पुष्पा को नंगा किया था।
इस बार, पुष्पा शेखावत को नंगा करता है, उसके गले में पट्टा बाँधता है और उसे पूरे शहर में घुमाता है। वह शेखावत को अपने पैरों पर गिरने और "पुष्पा... पुष्पा राज... मैं झुकेगा नहीं" बोलने पर मजबूर करता है।
फ़िल्म के अंत में, पुष्पा अपने सभी दुश्मनों (शेखावत, श्रीनु) को खत्म कर देता है और लाल चंदन सिंडिकेट का एकमात्र, निर्विवाद "राजा" (King) बन जाता है। वह अपना "रूल" स्थापित कर देता है।

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