Ponniyin Selvan-2 PS2 2023 South Superhit movie, Aishwarya Rai Movie
ज़रूर, यह रही 2023 की फ़िल्म 'पोन्नियिन सेल्वन-2' (Ponniyin Selvan-2) की पूरी कहानी।  
यह कहानी वहीं से शुरू होती है, जहाँ पहला भाग (PS1) खत्म हुआ था।  
फ़िल्म का विवरण  
नाम: पोन्नियिन सेल्वन- 2 (PS-2)  
रिलीज़: 28 अप्रैल 2023  
निर्देशक: मणिरत्नम  
मुख्य कलाकार:  
विक्रम (आदित्य करिकालन)  
ऐश्वर्या राय बच्चन (नंदिनी और ऊमई रानी/मंदाकिनी)  
जयम रवि (अरुणमोड़ि वर्मन / पोन्नियिन सेल्वन)  
कार्थी (वंदियदेवन)  
तृषा (कुंडवई)  
आर. शरथकुमार (पेरिया पळुवेत्तरैयर)  
  
फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)  
भाग 1: अरुणमोड़ि का बचना और रहस्यमयी औरत  
PS1 के अंत में, अरुणमोड़ि वर्मन (जयम रवि) और वंदियदेवन (कार्थी) पांड्यों के हमले में समुद्र में डूब जाते हैं।  
PS-2 की शुरुआत में, वंदियदेवन को होश आता है और वह खुद को एक नाव पर पाता है। उसे एक गूंगी औरत, ऊमई रानी (ऐश्वर्या राय का डबल रोल), बचाती है। वह अरुणमोड़ि को भी बचाकर श्रीलंका के एक बौद्ध मठ में ले जाती है, जहाँ उसका इलाज चल रहा होता है। यह वही औरत है जिसने बचपन में भी अरुणमोड़ि को डूबने से बचाया था (इसीलिए उसका नाम 'पोन्नियिन सेल्वन' यानी कावेरी का बेटा पड़ा)।  
भाग 2: सबसे बड़ा रहस्य - नंदिनी का अतीत  
यह फ़िल्म का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो नंदिनी के बदले की आग का कारण बताता है।  
नंदिनी का जन्म: ऊमई रानी (मंदाकिनी) का पांड्य राजा वीरपांड्यन के साथ एक गुप्त संबंध था। नंदिनी और उसका एक भाई (रवि) उसी वीरपांड्यन के बच्चे हैं।  
आदित्य करिकालन का पाप: सालों पहले, युवा आदित्य करिकालन (विक्रम) को नंदिनी से प्यार था। लेकिन एक युद्ध में, आदित्य का सामना घायल वीरपांड्यन से होता है। नंदिनी अपने पिता वीरपांड्यन की जान की भीख मांगती है, लेकिन आदित्य गुस्से में वीरपांड्यन का सिर काट देता है।  
बदले की कसम: अपने पिता को अपनी आँखों के सामने मरते देख, नंदिनी चोल साम्राज्य और आदित्य करिकालन को बर्बाद करने की कसम खाती है। उसका एकमात्र लक्ष्य चोल वंश को खत्म करना है।  
भाग 3: आदित्य करिकालन की हत्या की साज़िश  
वर्तमान में, नंदिनी, जो अब पेरिया पळुवेत्तरैयर (चोल सेनापति) की पत्नी है, पांड्य विद्रोहियों के साथ मिलकर एक साज़िश रचती है।  
जाल: वह आदित्य करिकालन को एक पत्र भेजती है और उसे कादम्बुर के किले में अकेले मिलने के लिए बुलाती है।  
अपराध-बोध: आदित्य, जो आज भी नंदिनी को धोखा देने और उसके पिता को मारने के अपराध-बोध (guilt) में जी रहा है, यह जानते हुए भी कि यह एक जाल है, उससे मिलने के लिए चल पड़ता है।  
वंदियदेवन की कोशिश: कुंडवई (तृषा) और वंदियदेवन को इस साज़िश का पता चलता है। वंदियदेवन, आदित्य को बचाने के लिए कादम्बुर किले की ओर भागता है।  
भाग 4: क्लाइमेक्स - आदित्य करिकालन की मृत्यु  
वंदियदेवन किले में पहुँचता है, लेकिन पांड्य विद्रोही उसे रोक लेते हैं।  
अंदर, आदित्य का सामना नंदिनी से होता है। आदित्य उससे कहता है कि वह अभी भी उससे प्यार करता है और अपनी गलती की माफी मांगता है। वह नंदिनी को अपनी तलवार देता है और कहता है कि वह उसे मारकर अपना बदला पूरा कर ले।  
नंदिनी हिचकिचाती है, लेकिन तभी छिपे हुए पांड्य विद्रोही (नंदिनी का भाई) आदित्य पर हमला कर देते हैं और उसकी हत्या कर देते हैं। जब वंदियदेवन कमरे में पहुँचता है, तो वह आदित्य को मरा हुआ पाता है और नंदिनी वहाँ से गायब हो जाती है।  
भाग 5: इल्ज़ाम और अंतिम युद्ध  
आदित्य करिकालन की हत्या के लिए वंदियदेवन को फँसा दिया जाता है और उसे बंदी बना लिया जाता है।  
यह खबर सुनकर अरुणमोड़ि वर्मन (पोन्नियिन सेल्वन) अपनी सेना के साथ राजधानी लौटता है। वह वंदियदेवन को निर्दोष साबित करने में मदद करता है।  
ऊमई रानी (मंदाकिनी) राजा सुंदर चोल (प्रकाश राज) के सामने आकर इशारों में पूरी सच्चाई बताती है कि नंदिनी कौन है और यह सब क्यों हुआ।  
नंदिनी का पांड्य भाई, चोलों के खिलाफ अंतिम युद्ध की घोषणा कर देता है। अरुणमोड़ि चोल सेना का नेतृत्व करता है और पांड्यों को हरा देता है।  
अंत (The Conclusion)  
युद्ध हारने के बाद, नंदिनी अपने पति पेरिया पळुवेत्तरैयर को ज़हर देती है (क्योंकि वह भी उसकी साज़िश में शामिल था) और खुद हमेशा के लिए गायब हो जाती है।  
राजा सुंदर चोल, अरुणमोड़ि वर्मन को अगला राजा घोषित करते हैं।  
लेकिन, राज्याभिषेक के दिन, अरुणमोड़ि अपना ताज अपने चाचा मधुरांतकन को पहना देता है, जिसने शुरू में सिंहासन के लिए विद्रोह किया था। ऐसा करके, अरुणमोड़ि परिवार को टूटने से बचा लेता है और मधुरांतकन का दिल जीत लेता है।  
फ़िल्म इस बात पर समाप्त होती है कि अरुणमोड़ि (पोन्नियिन सेल्वन) ने सिंहासन त्याग दिया, लेकिन वह 'उत्तराधिकारी' बना रहा और बाद में इतिहास के सबसे महान राजा, 'राजराजा चोल प्रथम' के नाम से जाना गया।
			
			
			
			
			
			
			
			
			
			
			
			
			
			
			
			