Awara Paagal Deewana, Akshay Kumar, Paresh Rawal, Sunil Shetty, Johnny Lever Hit Movie
फ़िल्म का विवरण
नाम: आवारा पागल दीवाना (Awara Paagal Deewana)
रिलीज़: 21 जून 2002
निर्देशक: विक्रम भट्ट
मुख्य कलाकार:
अक्षय कुमार (गुरु गुलाब खत्री)
सुनील शेट्टी (येड़ा अन्ना)
आफताब शिवदासानी (डॉ. अनमोल आचार्य)
परेश रावल (मणिलाल पटेल)
जॉनी लीवर (छोटा छत्री)
प्रीति झंगियानी (प्रीति)
अमृता अरोड़ा (मोना)
राहुल देव (विक्रांत)
ओम पुरी (डॉन परमजीत सिंह)
आधार: यह एक एक्शन-कॉमेडी फिल्म है, जो हॉलीवुड फिल्म "द होल नाइन यार्ड्स" (The Whole Nine Yards) से काफी प्रेरित (या अनक्रेडिटेड रीमेक) है।
फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
यह कहानी अरबों के हीरों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके पीछे तीन तरह के लोग पड़े हैं— 'आवारा' (गैंगस्टर), 'पागल' (आम लोग) और 'दीवाने' (कर्ज़दार)।
भाग 1: डॉन की वसीयत
कहानी की शुरुआत अमेरिका में होती है, जहाँ अंडरवर्ल्ड डॉन परमजीत सिंह (ओम पुरी) की मौत हो जाती है। वह अपने पीछे अरबों डॉलर के हीरे छोड़ जाता है, जो न्यूयॉर्क के एक बैंक लॉकर में बंद हैं।
भाग 2: वसीयत का पेंच
वसीयत के अनुसार, ये हीरे तीन लोगों में बराबर बँटेंगे: उसका बेटा विक्रांत (राहुल देव), उसकी बेटी प्रीति (प्रीति झंगियानी), और उसका दामाद गुरु गुलाब खत्री (अक्षय कुमार)।
पेंच यह है कि लॉकर को खोलने के लिए तीनों का एक ही समय पर बैंक में मौजूद होना ज़रूरी है (तीनों के पास अलग-अलग चाबियाँ/कोड हैं)। यह एक बड़ी समस्या है, क्योंकि विक्रांत और गुरु एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं और एक-दूसरे को मारना चाहते हैं।
भाग 3: भारत में 'पागल' टोली
दूसरी तरफ, भारत में डॉ. अनमोल (आफताब शिवदासानी) एक सीधा-सादा डेंटिस्ट है, जो अपनी पत्नी मोना (अमृता अरोड़ा) के साथ रहता है। अनमोल ने एक तोतलाने वाले डॉन येड़ा अन्ना (सुनील शेट्टी) से भारी कर्ज़ लिया है।
अनमोल का ससुर मणिलाल (परेश रावल) भी उन्हीं के साथ रहता है, जिसने मरने वाले डॉन परमजीत सिंह से कर्ज़ लिया था।
भाग 4: न्यूयॉर्क में भगदड़
डॉन का बेटा विक्रांत, मणिलाल से पैसे वसूलने के लिए अपने गुंडे भारत भेजता है। उसी समय, येड़ा अन्ना भी अनमोल से अपना पैसा वसूलने आ जाता है।
इन दोनों गैंग से बचने के लिए, अनमोल, मोना और मणिलाल भारत से भागने की कोशिश करते हैं। छोटा छत्री (जॉनी लीवर) की मदद से वे गलती से न्यूयॉर्क पहुँच जाते हैं।
भाग 5: क्लाइमेक्स (आवारा, पागल, दीवाने)
न्यूयॉर्क पहुँचकर, यह 'पागल' तिकड़ी (अनमोल, मणिलाल, मोना) सीधे विक्रांत और गुरु गुलाब खत्री के बीच चल रही गैंग वॉर के बीच में फँस जाती है।
येड़ा अन्ना भी अपने पैसे वसूलने के लिए अपने तोतले गैंग के साथ न्यूयॉर्क पहुँच जाता है।
अंत (Ending):
फिल्म का अंत एक म्यूजियम में होता है, जहाँ सभी (गुरु, विक्रांत, प्रीति, अनमोल, मणिलाल, मोना, येड़ा अन्ना और छोटा छत्री) हीरों के लिए लड़ते हैं।
इस पूरी भगदड़ और कन्फ्यूज़न के बीच, अंत में सबसे सीधे-सादे मणिलाल (परेश रावल) के हाथ सारे हीरे लग जाते हैं, और बाकी सब (गैंगस्टर और कर्ज़दार) देखते रह जाते हैं।
