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The Kerala Story, Most Awaited Movie

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Rohit Choudhary
Rohit Choudhary
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⁣फ़िल्म का विवरण
नाम: द केरला स्टोरी (The Kerala Story)
रिलीज़: 2023 (5 मई 2023)
निर्देशक: सुदीप्तो सेन (Sudipto Sen)
मुख्य कलाकार:
अदा शर्मा (शालिनी उन्नीकृष्णन / फातिमा बा)
योगिता बिहानी (निमाह मैथ्यू)
सोनिया बलानी (आसिफा)
सिद्धि इडनानी (गीतांजलि मेनन)
आधार: यह फ़िल्म (विवादित रूप से) केरल की उन महिलाओं की "सच्ची कहानियों" पर आधारित होने का दावा करती है, जिनका कथित तौर पर धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें ISIS (इस्लामिक स्टेट) में भर्ती किया गया।

फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
यह कहानी केरल की चार कॉलेज सहेलियों की है, जिनमें से एक गुप्त रूप से बाकी तीन को धर्म परिवर्तन के जाल में फँसाने का काम करती है।
भाग 1: चार सहेलियाँ और एक साज़िश
कहानी केरल के कासरगोड में एक नर्सिंग कॉलेज में शुरू होती है। यहाँ चार सहेलियाँ एक साथ रहती हैं: शालिनी उन्नीकृष्णन (अदा शर्मा), गीतांजलि मेनन (सिद्धि इडनानी), निमाह मैथ्यू (योगिता बिहानी) और आसिफा (सोनिया बलानी)।
शालिनी, गीतांजलि और निमाह को पता नहीं होता कि उनकी दोस्त आसिफा गुप्त रूप से एक कट्टरपंथी इस्लामी एजेंट है। उसका मिशन गैर-मुस्लिम लड़कियों को इस्लाम कबूल करने के लिए ब्रेनवॉश करना है।
भाग 2: ब्रेनवॉशिंग और 'लव जिहाद'
आसिफा, अपने साथियों (रमीज़ और अब्दुल) के साथ मिलकर, अपनी सहेलियों का ब्रेनवॉश करना शुरू कर देती है। वह उन्हें उनके धर्मों के खिलाफ भड़काती है और 'जहन्नम' (नरक) की आग से डराती है। वह दावा करती है कि केवल इस्लाम ही उन्हें बचा सकता है।
आसिफा, शालिनी की मुलाकात रमीज़ से और गीतांजलि की मुलाकात अब्दुल से करवाती है। दोनों लड़कियाँ उनके प्यार में पड़ जाती हैं।
सिर्फ निमाह (जो एक ईसाई है) ही आसिफा की बातों पर शक करती है, लेकिन वह अपनी सहेलियों को बचाने में नाकाम रहती है।
भाग 3: धर्म परिवर्तन और आत्महत्या
शालिनी, रमीज़ के बच्चे की माँ बनने वाली होती है। रमीज़ के दबाव में, शालिनी इस्लाम कबूल कर लेती है और अपना नाम 'फातिमा बा' रख लेती है। वह अपने परिवार से सारे रिश्ते तोड़ देती है और रमीज़ से निकाह कर लेती है।
उधर, गीतांजलि को भी अब्दुल धोखा देता है और उसका यौन शोषण करता है। जब उसके कम्युनिस्ट परिवार को उसके धर्म परिवर्तन का पता चलता है, तो वे उसे अस्वीकार कर देते हैं। इस धोखे और अकेलेपन से टूटकर गीतांजलि आत्महत्या कर लेती है।
भाग 4: ISIS का जाल और सीरिया का रास्ता
शालिनी (फातिमा) को जल्द ही पता चलता है कि उसका पति रमीज़, ISIS का एक एजेंट है। उसे बताया जाता है कि रमीज़ "काम" के लिए सीरिया चला गया है और उसे भी वहीं पहुँचना है।
फातिमा को अन्य धर्म परिवर्तित लड़कियों के साथ पहले श्रीलंका और फिर अवैध रूप से अफगानिस्तान के रास्ते सीरिया ले जाया जाता है।
भाग 5: आतंक का सच (क्लाइमेक्स)
अफगानिस्तान पहुँचते ही फातिमा का सामना ISIS की क्रूर सच्चाई से होता है। वह वहाँ महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, यौन गुलामी (sexual slavery) और हत्याओं को अपनी आँखों से देखती है।
उसे एहसास होता है कि उसे धर्म के नाम पर धोखा दिया गया है और वह एक आतंकवादी संगठन के जाल में फँस चुकी है। वह वहाँ कई अन्य भारतीय लड़कियों से भी मिलती है जो उसी धोखे का शिकार हुई हैं।
अंत (Ending):
फातिमा, दो अन्य लड़कियों के साथ, ISIS कैंप से भागने की कोशिश करती है। उनका पीछा किया जाता है, और एक लड़की को गोली मार दी जाती है।
फातिमा और एक अन्य लड़की भागते-भागते एक सीमा पर पहुँचती हैं, जहाँ संयुक्त राष्ट्र (UN) के सैनिक उन्हें पकड़ लेते हैं।
फिल्म का अंत फातिमा के अफगानिस्तान की एक जेल में बंद होने के साथ होता है। वह (संभवतः निमाह को) अपनी आपबीती सुनाती है और सवाल करती है कि वह भारत वापस क्यों नहीं आ सकती।

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