निर्णय लेने वाली कुर्सियों पर शिक्षित, ईमानदार और जिम्मेदार लोगों को बैठाना होगा।
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28 Декабрь 2025
आज के समय में यह देखने को मिल रहा है कि पाँचवीं फेल लोग भी मंत्री बन रहे हैं, जबकि पढ़े-लिखे, योग्य और मेहनती लोग अवसर का इंतज़ार करते रह जाते हैं। यह किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की कमी है। जब योग्यता से ज़्यादा राजनीति, पहचान और ताकत को महत्व दिया जाएगा, तब तक देश की असली प्रतिभा पीछे ही रहेगी। देश को आगे बढ़ाना है तो निर्णय लेने वाली कुर्सियों पर शिक्षित, ईमानदार और जिम्मेदार लोगों को बैठाना होगा। तभी एक मजबूत और न्यायपूर्ण भारत का निर्माण संभव है।
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