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Vikram Vedha Hritik Roshan & Saif Ali Khan hit Movie

2 意见· 02 十一月 2025
Rohit Choudhary
Rohit Choudhary
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电影

⁣फ़िल्म का विवरण (हिंदी रीमेक)
नाम: विक्रम वेधा (Vikram Vedha)
रिलीज़: 30 सितंबर 2022


निर्देशक: पुष्कर-गायत्री
मुख्य कलाकार:
सैफ अली खान (SSP विक्रम)


ऋतिक रोशन (वेधा)


राधिका आप्टे (प्रिया, विक्रम की पत्नी और वेधा की वकील)
शरत केलकर (SSP अब्बास, विक्रम का पार्टनर)

फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
भाग 1: विक्रम (पुलिस) vs वेधा (गैंगस्टर)
विक्रम (सैफ अली खान): लखनऊ पुलिस का एक बेहद ईमानदार और सख्त एनकाउंटर स्पेशलिस्ट है। वह दुनिया को सिर्फ काले और सफेद (अच्छा या बुरा) में देखता है। उसका एक ही मकसद है खूंखार गैंगस्टर वेधा (ऋतिक रोशन) को मारना।
वेधा (ऋतिक रोशन): लखनऊ का सबसे बड़ा गैंगस्टर है, जो बेहद बुद्धिमान और शातिर है। पुलिस 10 साल से उसे पकड़ नहीं पाई है।
विक्रम की STF टीम वेधा के कई आदमियों का एनकाउंटर करती है। जब वे वेधा को घेरने ही वाले होते हैं, तभी वेधा खुद पुलिस स्टेशन आकर सरेंडर कर देता है, जिससे सब हैरान रह जाते हैं।
भाग 2: वेधा की पहली कहानी (द फर्स्ट स्टोरी)
इंटरोगेशन रूम में, जब विक्रम उससे पूछताछ करने आता है, तो वेधा मुस्कुराता है और कहता है, "एक कहानी सुनाऊँ?"
कहानी 1: वेधा अपने अतीत की कहानी सुनाता है। वह बताता है कि कैसे वह एक छोटा-मोटा गुंडा था और कैसे उसने अपने भाई (शताफ) के साथ मिलकर अपना गैंग बनाया। वह विक्रम से एक सवाल पूछता है कि क्या उसने सही किया या गलत?
इससे पहले कि विक्रम जवाब दे पाता, प्रिया (राधिका आप्टे), जो वेधा की वकील (और विक्रम की पत्नी) है, ज़मानत के कागज़ात लेकर आती है और वेधा को छुड़ा ले जाती है।
भाग 3: वेधा की दूसरी कहानी (द सेकंड स्टोरी)
विक्रम समझ जाता है कि वेधा कोई खेल खेल रहा है। विक्रम को पता चलता है कि वेधा के गैंग में एक गद्दार था, जिसने वेधा के सबसे करीबी दोस्त (जिसकी हत्या हो गई थी) को मरवाया था।
विक्रम, वेधा को फिर से ढूँढ निकालता है। वेधा एक बार फिर उसे एक और कहानी सुनाता है।
कहानी 2: वेधा बताता है कि कैसे उसे अपने सबसे अच्छे दोस्त (जिस पर वह भाई से ज़्यादा भरोसा करता था) पर शक हुआ और कैसे उसने उसे मार डाला। वह फिर विक्रम से एक नैतिक सवाल पूछता है। वेधा, विक्रम को उलझाकर फिर से बच निकलता है।
भाग 4: वेधा की तीसरी कहानी और असली ट्विस्ट
विक्रम अब बुरी तरह उलझ चुका है। उसे समझ आ जाता है कि वेधा उसे कुछ बताने की कोशिश कर रहा है। वह वेधा को तीसरी बार मिलता है।
कहानी 3: वेधा आख़िरी कहानी सुनाता है। वह बताता है कि उसका छोटा भाई (जो सीधा-सादा था) एक लड़की से प्यार करता था। वेधा ने उसे जुर्म की दुनिया से दूर रखा था। लेकिन किसी ने उसके भाई को ड्रग्स के केस में फँसाया और फिर उसका मर्डर कर दिया। वेधा को लगा कि यह मर्डर उसके पुराने दोस्त (जिसे वेधा ने मार दिया था) ने किया था, लेकिन वह गलत था।
क्लाइमेक्स का खुलासा: वेधा, विक्रम को बताता है कि उसके भाई को मारने वाला असली मास्टरमाइंड अब्बास (शरत केलकर) था, जो विक्रम का सबसे अच्छा दोस्त और पुलिस पार्टनर है।
सच्चाई यह थी: अब्बास एक भ्रष्ट पुलिस वाला था। वह एक दूसरे गैंगस्टर (जो वेधा का दुश्मन था) से पैसे ले रहा था। उसी ने वेधा के भाई को मरवाया था। अब्बास, विक्रम की "ईमानदार" STF टीम का इस्तेमाल करके वेधा के गैंग के लोगों को एक-एक करके एनकाउंटर में मरवा रहा था, ताकि उसका रास्ता साफ़ हो जाए।
वेधा यह सब जानता था, लेकिन वह एक ईमानदार पुलिस वाले (विक्रम) के हाथों ही इस भ्रष्ट पुलिस वाले (अब्बास) का पर्दाफाश करवाना चाहता था। इसीलिए उसने यह पूरा खेल रचा।
अंत (The Ending):
विक्रम, वेधा की बातों से हैरान होकर सच्चाई की जाँच करता है और उसे पता चलता है कि वेधा सच कह रहा था। वह अब्बास और बाकी भ्रष्ट पुलिस वालों को बुलाता है।
जैसे ही अब्बास, विक्रम को मारने वाला होता है, वेधा वहाँ आ जाता है और विक्रम को बचाता है। फ़िल्म का अंत एक क्लासिक स्टैंड-ऑफ पर होता है - एक तरफ अब्बास और उसकी भ्रष्ट पुलिस टीम होती है, और दूसरी तरफ विक्रम (ईमानदार पुलिस) और वेधा (गैंगस्टर) एक साथ खड़े होकर उन पर बंदूक ताने होते हैं।
यह फ़िल्म इस सवाल पर खत्म होती है कि असली 'सही' और 'गलत' कौन है?

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