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Tumbbad South Blockbuster Horror Movie

18 Просмотры· 02 Ноябрь 2025
Rohit Choudhary
Rohit Choudhary
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⁣फ़िल्म का विवरण
नाम: तुम्बाड (Tumbbad)
रिलीज़: 12 अक्टूबर 2018
निर्देशक: राही अनिल बर्वे, आनंद गांधी
मुख्य कलाकार:
सोहम शाह (विनायक राव)
मोहम्मद समद (पांडुरंग, विनायक का बेटा)

फ़िल्म की पौराणिक कथा (शुरुआत)
फ़िल्म की शुरुआत एक पौराणिक कथा से होती है:
"समृद्धि की देवी (Goddess of Prosperity) ने इस ब्रह्मांड को जन्म दिया और उनके 16 करोड़ देवी-देवता थे। उनकी पहली और सबसे प्रिय संतान थी 'हस्तर' (Hastar)। हस्तर लालची था। उसने अपनी माँ का सारा 'सोना' (Gold) तो हासिल कर लिया, लेकिन जब वह 'अनाज' (Food) लेने गया, तो बाकी देवताओं ने उस पर हमला कर दिया और उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए।
देवी ने हस्तर को बचाया, लेकिन एक शर्त पर - कि हस्तर को हमेशा देवी के गर्भ (Womb) में रहना होगा और उसकी कभी पूजा नहीं की जाएगी।
लेकिन, तुम्बाड गाँव के लोगों ने हस्तर का मंदिर बनाया और उसकी पूजा की। इससे देवता नाराज़ हो गए और उन्होंने तुम्बाड को शाप दे दिया कि वहाँ हमेशा मूसलाधार बारिश होगी।"

फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
यह कहानी तीन अध्यायों (Chapters) में बंटी है, जो विनायक राव (सोहम शाह) के जीवन के तीन पड़ावों को दिखाती है।
अध्याय 1: रहस्य (1918)
तुम्बाड गाँव: महाराष्ट्र के तुम्बाड गाँव में, विनायक एक छोटा लड़का है। वह अपनी माँ और भाई के साथ एक जर्जर हवेली (वाड़ा) में रहता है। उसकी माँ उस हवेली के मालिक (सरकार) की रखैल है, ताकि उन्हें हवेली में छिपा एक सोने का सिक्का मिल सके।
शापित दादी: हवेली में एक शापित बूढ़ी औरत (विनायक की परदादी) जंजीरों से बंधी है, जो हस्तर के छूने से राक्षस बन गई थी। वह हमेशा भूखी रहती है और उसे सिर्फ एक नाम से डर लगता है - "हस्तर"। उसे सुलाने के लिए कहना पड़ता है - "सो जा, वरना हस्तर आ जाएगा।"
खज़ाने का लालच: विनायक को पता है कि इस हवेली में हस्तर का खज़ाना है। एक दिन, उसका भाई पेड़ से गिरकर मर जाता है और हवेली का मालिक (सरकार) भी मर जाता है। विनायक की माँ उसे लेकर पुणे चली जाती है, लेकिन विनायक कसम खाता है कि वह उस खज़ाने के लिए वापस लौटेगा।
अध्याय 2: लालच (1933)
वापसी: 15 साल बाद, विनायक (अब बड़ा हो गया) लालच में वापस तुम्बाड आता है। वह उस शापित दादी (जो अब एक पेड़ बन चुकी है) से खज़ाने का राज़ पूछता है। दादी उसे राज़ बताने के बदले 'मुक्ति' (मौत) मांगती है।
खज़ाना निकालने का तरीका: दादी बताती है कि देवी के गर्भ (हवेली के नीचे एक कुआँ) में हस्तर रहता है। वह भूखा है।
नीचे उतरकर आटे (अनाज) से एक घेरा बनाना होगा।
'आटे की गुड़िया' (अनाज का पुतला) उसे दिखानी होगी।
हस्तर, जो अनाज के लिए भूखा है, गुड़िया पर झपटेगा। जब वह खा रहा हो, तब उसकी कमर में बंधी लंगोट से सोने के सिक्के (मोहरें) चुरा लो।
लेकिन हस्तर का 'स्पर्श' नहीं होना चाहिए, वरना तुम भी शापित हो जाओगे।
विनायक दादी को जलाकर मुक्त कर देता है और इस तरीके से बार-बार देवी के गर्भ में जाकर सोना चुराने लगता है। वह बहुत अमीर बन जाता है और पुणे में ऐश की ज़िंदगी जीता है।
अध्याय 3: अंत (1947)
विनायक का अब एक बेटा है, पांडुरंग। विनायक उसे भी सोना चुराने की ट्रेनिंग देता है। पांडुरंग अपने पिता से भी ज़्यादा लालची है।
देश की आज़ादी: 1947 में भारत आज़ाद होता है, और सरकार ज़मींदारों की हवेलियों को ज़ब्त करना शुरू कर देती है। विनायक को पता चलता है कि तुम्बाड की हवेली भी उसके हाथ से जाने वाली है।
आखिरी दांव: लालच में अंधा होकर, विनायक फैसला करता है कि वह हवेली ज़ब्त होने से पहले हस्तर की पूरी लंगोट ही चुरा लेगा, ताकि उसे सारा सोना एक बार में मिल जाए।
क्लाइमेक्स: विनायक और उसका बेटा पांडुरंग देवी के गर्भ में उतरते हैं। पांडुरंग अपने पिता के मना करने के बावजूद, ज़्यादा लालच में 'आटे की कई गुड़िया' ले जाता है।
जैसे ही वे गुड़िया दिखाते हैं, एक हस्तर की जगह सैकड़ों हस्तर प्रकट हो जाते हैं (जितनी गुड़िया, उतने हस्तर)।
विनायक और पांडुरंग उस घेरे में फँस जाते हैं। उन्हें एहसास होता है कि वे अब ज़िंदा बाहर नहीं निकल सकते।
विनायक का बलिदान: अपने बेटे को बचाने के लिए, विनायक अपने शरीर पर बची हुई आटे की गुड़ियों को लपेटता है और खुद को बलिदान कर देता है। सारे हस्तर उसे नोचने लगते हैं।
पांडुरंग को मौका मिलता है और वह रस्सी पकड़कर कुएँ से बाहर निकल आता है। वह रोते हुए कुएँ को हमेशा के लिए बंद कर देता है।
अंत (Ending):
पांडुरंग अपने पिता की जलती हुई चिता को देखता है और उसे लालच का सबक मिल जाता है। वह बची हुई सोने की मोहर को फेंक देता है और अपनी माँ के साथ हमेशा के लिए तुम्बाड छोड़कर चला जाता है, इस शाप और लालच के चक्र को हमेशा के लिए खत्म कर देता है।

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समसम
समसम 23 часов тому назад

बहुत अच्छा फिल्म मैंने पूरा दिखा बहुत अच्छा लगा देखकर 🥰😳😱

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Nidhi Sahu
Nidhi Sahu 2 дней тому назад

really good movie

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