Hasta la próxima

Raaz: The Mystery Continues 2009 Imran Hashmi Kangana Ranaut Superhit Movie

2 vistas· 05 Noviembre 2025
Rohit Choudhary
Rohit Choudhary
63 Suscriptores
63

⁣फ़िल्म का विवरण
नाम: राज़: द मिस्ट्री कंटीन्यूज़ (Raaz: The Mystery Continues)
(इसे "राज़ 2" भी कहा जाता है)
रिलीज़: 23 जनवरी 2009
निर्देशक: मोहित सूरी (Mohit Suri)
मुख्य कलाकार:
इमरान हाशमी (पृथ्वी सिंह, एक पेंटर)
कंगना रनौत (नंदिता चोपड़ा)
अध्ययन सुमन (यश चोपड़ा, नंदिता का बॉयफ्रेंड)
जैकी श्रॉफ (वीर प्रताप सिंह, पृथ्वी का पिता - आत्मा)
आधार: यह 2002 की 'राज़' का सीक्वल है, लेकिन एक पूरी तरह से नई कहानी और नए किरदारों के साथ। यह एक सुपरनैचुरल हॉरर-थ्रिलर है।

फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसे एक आत्मा, पेंटिंग्स के ज़रिए, आने वाले खतरे की चेतावनी देती है।
भाग 1: पेंटिंग और भविष्य
कहानी की शुरुआत पृथ्वी (इमरान हाशमी) से होती है, जो एक रहस्यमयी पेंटर है। वह जो भी पेंटिंग बनाता है, वह सच हो जाती है। उसे नंदिता (कंगना रनौत) की तस्वीरें दिखती हैं, जो एक सुपरमॉडल है, और उसे एहसास होता है कि नंदिता की जान खतरे में है।
भाग 2: चेतावनी
नंदिता, अपने बॉयफ्रेंड यश (अध्ययन सुमन) के साथ रहती है, जो एक टीवी शो डायरेक्टर है। नंदिता के साथ अजीब और डरावनी घटनाएं होने लगती हैं। पृथ्वी, नंदिता से मिलता है और उसे चेतावनी देता है कि उसकी जान को खतरा है और यह खतरा कोई इंसान नहीं, बल्कि एक आत्मा है।
नंदिता शुरू में पृथ्वी पर विश्वास नहीं करती, लेकिन जब पृथ्वी की बनाई पेंटिंग्स (जैसे नंदिता का एक्सीडेंट होना) सच होने लगती हैं, तो वह डर जाती है और पृथ्वी से मदद माँगती है।
भाग 3: आत्मा का राज़
पृथ्वी, नंदिता और यश सच्चाई का पता लगाने के लिए कालागढ़ी नामक एक गाँव जाते हैं, जहाँ पृथ्वी को अपनी पेंटिंग्स की प्रेरणा मिलती थी।
वहाँ उन्हें एक पुरानी हवेली और एक कुआँ मिलता है। उन्हें पता चलता है कि यह आत्मा किसी और की नहीं, बल्कि पृथ्वी के पिता, वीर प्रताप सिंह (जैकी श्रॉफ) की है।
अतीत का राज़: वीर प्रताप सिंह एक क्रूर ज़मींदार था। उसने कई लोगों पर अत्याचार किए थे। पृथ्वी को भी उसने बहुत प्रताड़ित किया था, क्योंकि वह (पृथ्वी) उसकी नाजायज़ औलाद था।
भाग 4: असली ट्विस्ट (यश का सच)
पृथ्वी और नंदिता को लगता है कि वीर प्रताप सिंह की आत्मा नंदिता को मारना चाहती है।
लेकिन असली ट्विस्ट तब आता है जब पता चलता है कि आत्मा नंदिता को मारना नहीं, बल्कि बचाना चाहती है।
असली विलेन यश (अध्ययन सुमन) है। यश असल में उन किसानों का वंशज है, जिन्हें वीर प्रताप सिंह (पृथ्वी के पिता) ने मार डाला था। यश, वीर प्रताप सिंह के खानदान से बदला लेना चाहता है।
उसे पता चलता है कि नंदिता, वीर प्रताप सिंह की नाजायज़ बेटी है (यानी पृथ्वी की सौतेली बहन)। यश, नंदिता से प्यार का नाटक करता है ताकि वह वीर प्रताप सिंह के वंश को खत्म करने के लिए नंदिता की बलि चढ़ा सके।
भाग 5: क्लाइमेक्स (आत्मा बनाम यश)
क्लाइमेक्स में, यश, नंदिता को मारने के लिए काला जादू और अनुष्ठान शुरू करता है। वह पृथ्वी को भी बुरी तरह घायल कर देता है।
जब नंदिता मरने वाली होती है, तब पृथ्वी के पिता (वीर प्रताप सिंह) की आत्मा प्रकट होती है। आत्मा अपने बेटे (पृथ्वी) और बेटी (नंदिता) को बचाने के लिए यश से लड़ती है।
अंत (Ending):
आत्मा, यश को मार डालती है और अपने बच्चों को बचा लेती है। अपने पापों का प्रायश्चित करने के बाद, वीर प्रताप सिंह की आत्मा को मुक्ति मिल जाती है। पृथ्वी और नंदिता (जो भाई-बहन हैं) एक हो जाते हैं।

Mostrar más

 0 Comentarios sort   Ordenar por


Hasta la próxima