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Raaz 2002 Bipasha Bashu Most Haunted Movie

4 意见· 05 十一月 2025
Rohit Choudhary
Rohit Choudhary
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电影

⁣फ़िल्म का विवरण
नाम: राज़ (Raaz)
रिलीज़: 1 फरवरी 2002
निर्देशक: विक्रम भट्ट
मुख्य कलाकार:
बिपाशा बसु (संजना धनराज)
डीनो मोरिया (आदित्य धनराज)
मालिनी शर्मा (मालिनी, आत्मा)
आशुतोष राणा (प्रोफेसर अग्नि स्वरूप)
आधार: यह एक ओरिजिनल सुपरनैचुरल हॉरर फिल्म है (हालांकि यह हॉलीवुड फिल्म "What Lies Beneath" से काफी प्रेरित है)।

फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
यह कहानी एक शादीशुदा जोड़े की है, जिनके अतीत का एक राज़ एक आत्मा के रूप में लौटकर आता है।
भाग 1: ऊटी में एक नई शुरुआत
संजना (बिपाशा बसु) और आदित्य (डीनो मोरिया) की शादीशुदा ज़िंदगी टूट रही है। अपनी शादी को बचाने के आखिरी प्रयास में, वे दोनों ऊटी के उसी बंगले में छुट्टियां मनाने जाते हैं, जहाँ वे पहली बार मिले थे।
भाग 2: आत्मा का साया
बंगले में आते ही संजना को अजीब और डरावनी चीज़ों का एहसास होने लगता है। उसे एक लड़की की चीखें सुनाई देती हैं, चीज़ें अपने आप हिलती हैं और उसे एक आत्मा दिखाई देती है।
आदित्य, जो बिज़नेस के लिए अक्सर बाहर रहता है, संजना की बातों को वहम मानकर टाल देता है। उसे लगता है कि संजना दिमागी रूप से बीमार हो रही है।
भाग 3: प्रोफेसर अग्नि स्वरूप की एंट्री
जब हालात बहुत बिगड़ जाते हैं, तो संजना, प्रोफेसर अग्नि स्वरूप (आशुतोष राणा) से मदद माँगती है, जो आत्माओं और पैरानॉर्मल (paranormal) चीज़ों के विशेषज्ञ हैं।
प्रोफेसर स्वरूप बंगले में आते हैं और पुष्टि करते हैं कि घर में एक शक्तिशाली आत्मा है, जो संजना को कुछ बताना चाहती है और शायद उसे मारना भी चाहती है।
भाग 4: राज़ का खुलासा (The Twist)
जांच करने पर, संजना और प्रोफेसर को पता चलता है कि यह आत्मा मालिनी (मालिनी शर्मा) नाम की एक लड़की की है, जो कुछ समय पहले गायब हो गई थी।
असली राज़ यह था: आदित्य का शादी से पहले मालिनी के साथ अफेयर था। जब आदित्य, संजना से शादी करने के लिए मालिनी को छोड़ना चाहता था, तो मालिनी ने उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश की। एक झगड़े के दौरान, आदित्य के हाथों मालिनी का एक्सीडेंटल मर्डर हो जाता है (या वह आत्महत्या कर लेती है, जिसे आदित्य मर्डर जैसा बना देता है)।
आदित्य, मालिनी की लाश को बंगले के पास जंगल में दफना देता है। अब मालिनी की आत्मा अपना बदला लेने के लिए लौटी है।
भाग 5: क्लाइमेक्स (आत्मा बनाम संजना)
मालिनी की आत्मा अब संजना को मारना चाहती है। क्लाइमेक्स में, वह संजना पर हमला करती है और अंत में आदित्य के शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है, ताकि वह आदित्य के हाथों से संजना को मार सके।
प्रोफेसर स्वरूप आत्मा को भगाने का अनुष्ठान (exorcism) शुरू करते हैं, लेकिन आत्मा बहुत शक्तिशाली होती है।
अंत (Ending):
जब संजना देखती है कि प्रोफेसर की कोशिशें नाकाम हो रही हैं, तब उसे एहसास होता है कि आत्मा का मकसद सिर्फ बदला लेना नहीं, बल्कि आदित्य को वापस पाना है।
संजना, आदित्य (जिस पर आत्मा का कब्ज़ा है) के सामने जाती है और उसे अपने प्यार का वास्ता देती है। वह कहती है कि अगर आत्मा आदित्य से सच्चा प्यार करती है, तो वह उसे (आदित्य को) नुकसान नहीं पहुँचा सकती।
संजना का प्यार और विश्वास देखकर आदित्य की आत्मा वापस लड़ने लगती है। अंत में, मालिनी की आत्मा हार मान लेती है और आदित्य के शरीर को छोड़कर चली जाती है, जिससे उसे मुक्ति मिल जाती है। संजना और आदित्य एक हो जाते हैं।

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