Pushpa The Rise Part 1 2021 Allu Arjun South Superhit movie

7 Bekeken· 02 November 2025
Rohit Choudhary
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⁣फ़िल्म का विवरण
नाम: पुष्पा: द राइज़ - पार्ट 1 (Pushpa: The Rise – Part 1)
रिलीज़: 17 दिसंबर 2021
निर्देशक: सुकुमार
मुख्य कलाकार:
अल्लू अर्जुन (पुष्पा राज)
रश्मिका मंदाना (श्रीवल्ली)
फहाद फासिल (SP भंवर सिंह शेखावत)
सुनील (मंगलम श्रीनु)
अजय घोष (कोंडा रेड्डी)

फ़िल्म की मुख्य थीम
यह कहानी आंध्र प्रदेश के शेषाचलम के जंगलों में "लाल चंदन" (Red Sanders) की तस्करी के इर्द-गिर्द घूमती है। यह एक मज़दूर पुष्पा राज के उदय की कहानी है, जो ज़ीरो से शुरू होकर इस तस्करी सिंडिकेट का किंग बन जाता है।
फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
भाग 1: पुष्पा का परिचय और मकसद
पुष्पा राज (अल्लू अर्जुन) एक मज़दूर है, जो लाल चंदन के पेड़ काटकर उन्हें ट्रकों में लोड करता है। वह एक 'नाजायज़' औलाद है, जिस वजह से उसे बचपन से ही कोई सम्मान या सरनेम (उपनाम) नहीं मिला। उसका एक ही सपना है - पैसा और इज़्ज़त कमाना। वह किसी से डरता नहीं है और उसका एक मशहूर स्टाइल है - "पुष्पा... पुष्पा राज... मैं झुकेगा नहीं साला!"
पुष्पा की मुलाकात दूध बेचने वाली श्रीवल्ली (रश्मिका मंदाना) से होती है और वह उसे पसंद करने लगता है।
भाग 2: तस्करी में उदय (The Rise)
पुष्पा सिर्फ एक मज़दूर बनकर नहीं रहना चाहता। वह अपने तेज़ दिमाग का इस्तेमाल करता है:
पुलिस से बचाव: एक पुलिस छापे के दौरान, वह करोड़ों के लाल चंदन को नदी में बहाकर और फिर उसे आगे बाँध बनाकर रोककर बचा लेता है।
मालिकों का भरोसा: वह अपने मालिक कोंडा रेड्डी (अजय घोष) का विश्वास जीत लेता है।
मंगलम श्रीनु से दुश्मनी: तस्करी का असली किंगपिन मंगलम श्रीनु (सुनील) है, जो कोंडा रेड्डी जैसे ठेकेदारों को बहुत कम पैसा देता है। पुष्पा सीधे श्रीनु से अपना हिस्सा माँगता है और तस्करी का माल सीधे चेन्नई ले जाने का सौदा करता है, जिससे वह श्रीनु का सबसे बड़ा दुश्मन बन जाता है।
भाग 3: सिंडिकेट का नया लीडर
मंगलम श्रीनु, पुष्पा को मारने की कोशिश करता है, लेकिन पुष्पा बच निकलता है और श्रीनु के भाई को मार देता है। इसके बाद वह श्रीनु के सारे लाल चंदन के गोदामों पर कब्ज़ा कर लेता है। वह कोंडा रेड्डी को भी श्रीनु के खिलाफ भड़काता है।
एक लड़ाई में, पुष्पा कोंडा रेड्डी को बचाता है और कोंडा उसे सिंडिकेट में अपना पार्टनर बना लेता है। धीरे-धीरे, पुष्पा सभी छोटे-मोटे तस्करों को हटाकर खुद "लाल चंदन सिंडिकेट" का एकछत्र लीडर बन जाता है और सीधे नेताओं से डील करने लगता है।
भाग 4: भंवर सिंह शेखावत की एंट्री (Climax)
जब पुष्पा अपने करियर के शिखर पर होता है और श्रीवल्ली से अपनी शादी की तैयारी कर रहा होता है, तब ज़िले में एक नया और बेहद क्रूर पुलिस सुपरिटेंडेंट (SP) भंवर सिंह शेखावत (फहाद फासिल) आता है।
शेखावत, पुष्पा को उसकी शादी से ठीक एक रात पहले पुलिस स्टेशन बुलाता है। वहाँ वह पुष्पा को बहुत ज़लील करता है:
वह पुष्पा को उसके 'नाजायज़' होने का ताना मारता है।
वह पुष्पा को 'सर' बोलने पर मजबूर करता है।
वह पुष्पा को लगभग नंगा कर देता है और उसे डराता है।
पुष्पा उस रात चुपचाप सब कुछ सह लेता है, क्योंकि उसकी शादी होनी थी।
अंत (Ending):
अगले दिन, अपनी शादी के बाद, पुष्पा अपने घर पर एक पार्टी रखता है। वह शेखावत को भी बुलाता है। जब शेखावत आता है, तो पुष्पा और उसके साथी शेखावत को पकड़ लेते हैं।
पुष्पा, शेखावत को याद दिलाता है कि "पुष्पा नाम सुनकर फ्लावर समझे क्या? फायर है मैं!"
पुष्पा, शेखावत को अपनी पिस्तौल देता है और कहता है कि अगर वह अपने 'यूनिफार्म' में होता तो पुष्पा उसे गोली मार देता, लेकिन आज वह 'यूनिफार्म' में नहीं है। पुष्पा, शेखावत को ज़लील करता है और उसे भी नंगा करके घर वापस भेजता है।
फ़िल्म इस सीन पर खत्म होती है जहाँ शेखावत गुस्से में अपने कुत्ते को गोली मार देता है और पुष्पा से बदला लेने की कसम खाता है। यह सीन 'पुष्पा 2: द रूल' की नींव रखता है।

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