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DM ने स्कूल में भूखी बच्ची को देखा और लिया बड़ा फैसला

3 Görünümler· 21 Kasım 2025
AARYANSHARMA444
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İçinde Eğlence

⁣कहानी का विवरण: "जर्जर स्कूल और एक नई जिलाधिकारी" - बदलाव की कार्यशाला ✍

​"किसी भी राष्ट्र या जिले के बदलाव की शुरुआत हमेशा बच्चों से होती है।"

​🌟 कहानी का सार (Synopsis)

​शांतिनगर, नाम में शांति रखने वाला एक शहर, जो वर्षों के भ्रष्टाचार, प्रशासनिक उदासीनता और जर्जर सरकारी स्कूलों की काली छाया में जी रहा था। इसी निराशा के माहौल में, मात्र 32 वर्ष की तेज-तर्रार और संवेदनशील जिलाधिकारी (DM) सुश्री आरुषि शर्मा पदभार संभालती हैं। वह घोषणा करती हैं कि उनका दफ्तर 'कागज़ों का ढेर नहीं, बल्कि बदलाव की कार्यशाला' बनेगा।

​आरुषि, चमकीली रिपोर्ट्स को दरकिनार कर, जमीनी सच्चाई जानने के लिए खुद निकल पड़ती हैं। उनका औचक दौरा उन्हें बस्ती नं. 3 के एक प्राथमिक स्कूल में ले जाता है, जहाँ वह प्रशासनिक विफलता का सबसे मार्मिक दृश्य देखती हैं: सात साल की बच्ची रेशमा की खाली प्लेट, जिसमें परोसा गया 'कीड़ा वाला' अखाद्य मिड-डे मील (MDM) खाने से उसने इनकार कर दिया था।

​यह खाली प्लेट आरुषि के लिए सिर्फ भोजन की कमी नहीं,

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