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Chennai vs China (7aum Arivu) Surya Superhit Movie

6 ভিউ· 05 নভেম্বর 2025
Rohit Choudhary
Rohit Choudhary
63 সাবস্ক্রাইবার
63
ভিতরে চলচ্চিত্র

⁣फ़िल्म का विवरण
नाम: 7aum Arivu (द सेवन्थ सेंस / 7वीं इंद्रिय) Chennai Vs China
रिलीज़: 2011 (25 अक्टूबर 2011)
निर्देशक: ए. आर. मुरुगादॉस (A. R. Murugadoss)
मुख्य कलाकार:
सूर्या (दोहरी भूमिका: बोधिधर्मन और अरविंद)
श्रुति हासन (सुभा श्रीनिवासन, एक जेनेटिक्स वैज्ञानिक)
जॉनी ट्राई गुयेन (डोंग ली, चीनी एजेंट)
आधार: यह एक ओरिजिनल साई-फाई एक्शन थ्रिलर है, जो 5वीं शताब्दी के एक भारतीय भिक्षु 'बोधिधर्मन' और आधुनिक जेनेटिक इंजीनियरिंग (Genetic Engineering) पर आधारित है।

फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
यह कहानी एक 1600 साल पुराने रहस्य, एक भूले हुए भारतीय नायक और चीन द्वारा भारत के खिलाफ एक आधुनिक जैविक युद्ध (Bio-war) के इर्द-गिर्द घूमती है।
भाग 1: अतीत (बोधिधर्मन)
फ़िल्म की शुरुआत 520 ईस्वी में कांचीपुरम (चेन्नई के पास) से होती है। बोधिधर्मन (सूर्या) पल्लव वंश के एक राजकुमार हैं।
वह मार्शल आर्ट (कलारिपयट्टू), सम्मोहन (नोक्कू वर्मम) और आयुर्वेद में माहिर हैं। अपने गुरु के कहने पर, वह बौद्ध धर्म का प्रसार करने के लिए चीन जाते हैं।
चीन में, शुरू में गाँव वाले उन्हें संदेह की नज़र से देखते हैं। लेकिन जब बोधिधर्मन गाँव में फैली एक घातक महामारी (बीमारी) को अपनी जड़ी-बूटियों से ठीक कर देते हैं, तो लोग उन्हें 'दामो' नाम देकर भगवान की तरह पूजने लगते हैं।
वह चीनियों को मार्शल आर्ट (जो बाद में शाओलिन कुंग-फू के नाम से प्रसिद्ध हुआ) और दवाइयों का ज्ञान सिखाते हैं। उनकी मृत्यु के बाद उन्हें वहीं दफना दिया जाता है।
भाग 2: वर्तमान (ऑपरेशन रेड)
कहानी 2011 में आती है। आधुनिक चीन की सरकार "ऑपरेशन रेड" नाम का एक गुप्त मिशन शुरू करती है।
उनका प्लान है कि वे भारत में वही 1600 साल पुरानी महामारी (जिसे बोधिधर्मन ने रोका था) फिर से फैला देंगे। जब भारत में तबाही मचेगी, तब वे उस बीमारी की दवा (जो सिर्फ उनके पास है) भारत को बेचकर अरबों डॉलर कमाएंगे और भारत को घुटनों पर ला देंगे।
इस मिशन को अंजाम देने के लिए वे अपने सबसे क्रूर और माहिर एजेंट, डोंग ली (जॉनी ट्राई गुयेन) को भारत भेजते हैं। डोंग ली भी बोधिधर्मन की तरह मार्शल आर्ट और सम्मोहन विद्या (Nokku Varmam) में माहिर है।
भाग 3: वंशज और वैज्ञानिक (चेन्नई)
चेन्नई में, सुभा श्रीनिवासन (श्रुति हासन) एक युवा जेनेटिक्स (Genetics) वैज्ञानिक है। वह शोध करती है कि बोधिधर्मन का DNA आज भी उनके वंशजों में मौजूद हो सकता है।
वह बोधिधर्मन के एक वंशज, अरविंद (सूर्या), को ढूँढ निकालती है, जो एक सर्कस में काम करने वाला एक आम, लापरवाह लड़का है। अरविंद को अपने महान पूर्वज के बारे में कुछ भी नहीं पता है।
सुभा, अरविंद से प्यार का नाटक करती है ताकि वह उसके DNA का सैंपल ले सके और अपनी लैब में बोधिधर्मन के DNA को फिर से सक्रिय (activate) करने का प्रयोग कर सके।
भाग 4: बिल्ली-चूहे का खेल
डोंग ली, "ऑपरेशन रेड" शुरू करने के लिए, भारत पहुँचकर एक आवारा कुत्ते को वायरस से संक्रमित कर देता है, जिससे बीमारी फैलनी शुरू हो जाती है।
उसे सुभा के शोध के बारे में पता चलता है। वह समझ जाता है कि अगर सुभा सफल हो गई, तो वह बोधिधर्मन का ज्ञान वापस लाकर महामारी का इलाज ढूँढ लेगी।
डोंग ली का अब एक ही मकसद है—सुभा और अरविंद को मारना। वह अपनी सम्मोहन विद्या का प्रयोग करके कई लोगों की हत्या करता है और सुभा-अरविंद के करीब पहुँच जाता है।
भाग 5: बोधिधर्मन का पुनर्जन्म (क्लाइमेक्स)
सुभा, अरविंद को सारी सच्चाई बता देती है। डोंग ली से बचते-बचाते, वे अपनी लैब पहुँचते हैं।
सुभा, अरविंद को बोधिधर्मन के DNA को सक्रिय करने वाला इंजेक्शन लगा देती है।
क्लाइमेक्स में, डोंग ली लैब पर हमला कर देता है। दूसरी तरफ, अरविंद के अंदर बोधिधर्मन की यादें, उनकी मार्शल आर्ट स्किल्स और उनका ज्ञान (7वीं इंद्रिय) जागृत होने लगता है।
अरविंद और डोंग ली के बीच एक भयंकर मार्शल आर्ट लड़ाई होती है—'चेन्नई' (बोधिधर्मन का वंशज) और 'चाइना' (ऑपरेशन रेड का एजेंट) के बीच।
अंत (Ending):
अरविंद, जो अब बोधिधर्मन की शक्तियों से लैस है, डोंग ली को एक क्रूर लड़ाई में हरा देता है और उसे मार डालता है।
बोधिधर्मन के जागृत ज्ञान का उपयोग करके, अरविंद तुरंत उस प्राचीन महामारी का इलाज (दवा) ढूँढ लेता है। सुभा की मदद से, वे उस दवा को जल्दी से बनाकर फैला देते हैं, जिससे भारत पर आया जैविक खतरा टल जाता है।
फिल्म का अंत अरविंद और सुभा के मीडिया को संबोधित करने के साथ होता है, जहाँ वे भारतीयों को अपने महान और भूले हुए इतिहास (जैसे बोधिधर्मन) को याद रखने की प्रेरणा देते हैं।

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