यारों ये मोहब्बत हबीब होती है ll Lyrics Alok Kumar S
यारों ये मोहब्बत हबीब होती है, यारों ये मोहब्बत जदीद होती है, निभा सके अगर कोई इसको तो, यारों ये मोहब्बत मजीद होती है।
ये रस्में उल्फत भी यारों, दुनिया में बड़ी अजीब होती हैं। इस मोहब्बत में किसी को आशिकी तो, किसी को सायरी नसीब होती है।।
हुस्न पर जब भी खुल करके ये शबाब आता है, वो कदमों में दिल को रख करके सर को झुकाता है। बड़ा चैन देती है दीवाने को, ये आशिकी भी रकीब होती है, मिल जाए किसी को चाहने से मोहब्बत तो, वो रूह बड़ी खुश नसीब होती है।
किसी पर जब भी यारों, इस मोहब्बत का सुरूर चढ़ता है, वो उल्फत की इन राहों में, यारों बेखौफ बढ़ता है। ये जवानी भी आशिकी में, उल्फत की मुरीद होती है, अपने दिलबर के लिए दीवानी, हर दिल अजीज होती है।
ये आशिकी क्या होती है,बस आशिक ही जानता है, हुस्न की इन अदाओं को केवल आशिक ही पहचानता है।
ये दिल की चाहत जब भी, इस दिल के करीब होती है, इस दिल की धड़कनों में भी, बस उसकी तस्वीर होती है।
Lyrics Alok Kumar Sharma.