जिंदगी दर्द ए दिल का पैगाम हो गई है ll Lyrics Alok Kumar Sharma ll jindagi dard e dil ka paigam
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24 Tháng mười một 2025
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जिंदगी दर्दे-ए-दिल का पैगाम हो गई है,
अपनी ये मोहब्बत नाकाम हो गई है।
चाहा था जिसको, इस दिल ने टूट कर,
वो गम-ए-इश्क का मुकाम हो गई है।।
दिल तो अब भी ये कहता है, कि वो लौट के आयेगी,
इन अश्कों को पोंछ कर वो, दिन सुहाने ले आयेगी।
रब क्यों ये सारी की सारी खुशियां ही, जीवन में दुखों के नाम हो गई हैं,
कहने को जिंदगी पड़ी है, उम्मीद दिल को बहुत बड़ी है, एक पल का भरोसा नहीं है, फिर भी आस लिए खड़ी है। इस चढ़ती बहारा के मौसम में, खुशी क्यों खिजां का अंजाम हो गई हैं,
पूछता हूं मैं रब से क्यों ये, इन आशिकों को गम मिलता है, जिंदगी में मोहब्बत के बदले में, इस दिल को जख्म मिलता है। इस प्यार की दुश्मन जानें क्यों रब, ये सारी आवाम हो गई है,
Lyrics Alok Kumar Sharma.
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