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1920 Horrors of the Heart 2023

2 Görünümler· 05 Kasım 2025
Rohit Choudhary
Rohit Choudhary
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⁣फ़िल्म का विवरण
नाम: 1920: हॉरर्स ऑफ़ द हार्ट (1920: Horrors of the Heart)
रिलीज़: 23 जून 2023
निर्देशक: कृष्णा भट्ट (Krishna Bhatt)
मुख्य कलाकार:
अविका गोर (मेघना)
राहुल देव (शांतनु)
बरखा बिष्ट (राधिका, मेघना की माँ)
रणधीर राय (अर्जुन, मेघना का प्रेमी)
दानिश पंडोर (अधिराज, मेघना के पिता)
आधार: यह 1920 फ्रैंचाइज़ी की पाँचवीं कड़ी है, जो एक रिवेंज-हॉरर ड्रामा है।

फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
यह कहानी एक बेटी के बदले की है, जो अपनी माँ की मौत का बदला लेने के लिए अपने ही पिता पर काला जादू करती है।
भाग 1: आत्महत्या और अतीत का राज़
कहानी की शुरुआत मेघना (अविका गोर) के 21वें जन्मदिन से होती है। उसी दिन, वह अपने पिता अधिराज (दानिश पंडोर) को अपनी माँ राधिका (बरखा बिष्ट) के साथ बहुत खुश देखती है। लेकिन कुछ ही देर बाद, मेघना को पता चलता है कि उसके पिता का किसी और महिला के साथ अफेयर चल रहा है।
जब मेघना यह सच्चाई अपनी माँ को बताती है, तो राधिका यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाती और छत से कूदकर आत्महत्या कर लेती है।
भाग 2: बदले की योजना
अपनी माँ की मौत से टूट चुकी और गुस्से में भरी मेघना बदला लेने का फैसला करती है। उसे अपनी माँ की एक पुरानी डायरी मिलती है, जिसमें लिखा होता है कि उसके पिता (अधिराज) असल में उसके सौतेले पिता हैं और उन्होंने मेघना की माँ की सारी दौलत हड़प ली है।
डायरी में एक 'आत्मा' को बुलाने और काला जादू करने का तरीका भी लिखा होता है। मेघना अपने पिता से बदला लेने के लिए उस आत्मा को बुलाने का फैसला करती है।
भाग 3: पिता के घर में आगमन
मेघना अपने पिता अधिराज के घर (एक पुरानी हवेली) पहुँचती है, जहाँ वह अपनी नई पत्नी और अपनी सौतेली बहन के साथ रहता है। मेघना वहाँ अपने प्रेमी अर्जुन (रणधीर राय) के साथ आती है, जो उसके इरादों से अनजान है।
मेघना हवेली में उस आत्मा को बुलाने का अनुष्ठान शुरू करती है, ताकि वह आत्मा उसके पिता को मार डाले।
भाग 4: सच्चाई का दूसरा पहलू (ट्विस्ट)
जैसे ही आत्मा हवेली में आती है, वह मेघना के पिता के बजाय घर के बाकी सदस्यों को मारना शुरू कर देती है। मेघना को धीरे-धीरे एहसास होता है कि कुछ गड़बड़ है।
तभी, घर का वफादार नौकर शांतनु (राहुल देव), मेघना को असली सच्चाई बताता है।
असली सच यह था: मेघना की माँ राधिका (बरखा बिष्ट) खुद एक बुरी औरत थी, जिसने अधिराज (मेघना के पिता) से शादी सिर्फ दौलत के लिए की थी। राधिका का अफेयर किसी और के साथ था और मेघना उसी नाजायज़ रिश्ते की बेटी थी। राधिका, अधिराज को मारकर सारी दौलत हड़पना चाहती थी, लेकिन अधिराज को सच्चाई पता चल गई। आत्महत्या वाले दिन, अधिराज ने राधिका को घर से निकाल दिया था, जिसके बाद राधिका ने आत्महत्या की।
भाग 5: क्लाइमेक्स (आत्मा से सामना)
मेघना को पता चलता है कि उसने अपनी माँ की झूठी कहानी पर विश्वास करके एक निर्दोष पिता को मारने के लिए एक दुष्ट आत्मा को बुला लिया है। अब वह आत्मा खुद मेघना को ही मारना चाहती है।
मेघना, जिसे अपनी गलती का एहसास हो चुका है, अब अपने पिता और सौतेले परिवार को बचाने की कोशिश करती है।
अंत (Ending):
क्लाइमेक्स में, मेघना उस आत्मा से लड़ती है। वह आत्मा को वापस भेजने के लिए उसी किताब का इस्तेमाल करती है, जिससे उसे बुलाया गया था। एक भयंकर लड़ाई के बाद, मेघना उस आत्मा को नष्ट करने में सफल हो जाती है।
फिल्म का अंत मेघना के अपने सौतेले पिता (अधिराज) से माफी माँगने और उनके परिवार द्वारा उसे स्वीकार किए जाने के साथ होता है।

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