लालच की दौड़ में खोता बचपन और फिसलती जवानी
0
0
2 Visninger·
26 December 2025
जवानी के लालच में बचपन चला गया,
अब कामयाबी के लालच में जवानी भी जा रही है।
ज़िंदगी मानो बस हासिल करने की दौड़ बन गई है,
जहाँ जीना कहीं पीछे छूट गया है।
Vis mere
0 Kommentarer
sort Sorter efter
