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भेड़िया और सारस की कहानी | Panchatantra Moral Story in Hindi 2. Bhediya aur Saras ki Kahani – बच्च

2 意见· 18 十一月 2025
rupeshkum
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⁣एक घने जंगल में एक भेड़िया रहता था। एक दिन वह बहुत जल्दी-जल्दी खा रहा था, तभी उसकी हड्डी गले में फंस गई। दर्द और घुटन से परेशान होकर वह इधर-उधर भागने लगा।


जंगल के किनारे उसे एक लंबी गर्दन वाला सारस दिखाई दिया। भेड़िया सारस से बोला,
“कृपया मेरी मदद करो। मेरी गर्दन में हड्डी फंस गई है। अपनी लंबी चोंच से इसे निकाल दो। मैं तुम्हें अच्छा इनाम दूंगा।”


सारस को उस पर दया आ गई। उसने अपने चोंच को भेड़िये के बड़े मुँह में डालकर सावधानी से हड्डी बाहर निकाल दी। भेड़िया तुरंत दर्द से राहत महसूस करने लगा।


सारस ने कहा,
“अब मुझे मेरा इनाम दो।”


भेड़िया हँसते हुए बोला,
“क्या इतना बड़ा भेड़िया भी तुम्हारा सिर अपने मुँह से सुरक्षित वापस निकालने का इनाम नहीं है? चलो भागो यहाँ से!”


सारस समझ गया कि उसने एक स्वार्थी प्राणी पर भरोसा किया था। निराश होकर वह उड़ गया।




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📚 कहानी की सीख (Moral of the Story)


स्वार्थी लोगों से किसी इनाम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।


नेकी करो और आगे बढ़ जाओ।


समझदारी से मदद करो, लेकिन इनाम की लालच मत रखो।

⁣भेड़िया और सारस की कहानी


Bhediya aur Saras ki Kahani


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