Strax

नदी किनारे Chole Bhature Wala Hindi Kahani _ छोले भटूरे वाला Kahaniya _ Moral Stories

1 Visningar· 21 December 2025
Raj Tiwari
Raj Tiwari
116 Prenumeranter
116

⁣कहानी: नदी किनारे छोले भटूरे वाला
एक सुंदर नदी के किनारे रामू नाम का व्यक्ति छोले भटूरे का ठेला लगाता था। शहर की भीड़भाड़ से दूर होने के बावजूद, उसके पास लोगों का तांता लगा रहता था। रामू का नियम था—शुद्ध मसाले, साफ-सफाई और चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान।
एक दिन शहर के एक बड़े रेस्टोरेंट मालिक ने वहां आकर छोले भटूरे खाए। स्वाद से प्रभावित होकर उसने रामू से कहा, "तुम यहाँ नदी किनारे अपना समय बर्बाद कर रहे हो। मेरे साथ शहर चलो, मैं तुम्हें बड़ी दुकान दूंगा और हम मसालों में थोड़ी मिलावट करके और कम लागत लगाकर बहुत पैसा कमाएंगे।"
रामू ने विनम्रता से उत्तर दिया, "साहब, मुझे पैसे से ज्यादा सुकून प्यारा है। यहाँ लोग शुद्ध खाना खाकर जब नदी की ठंडी हवा का आनंद लेते हैं और मुझे दुआ देते हैं, तो मेरा पेट उसी से भर जाता है। मिलावट करके मैं अमीर तो बन जाऊँगा, लेकिन चैन की नींद खो दूँगा।"
वह रेस्टोरेंट मालिक निरुत्तर हो गया। रामू ने यह साबित कर दिया कि सफलता का अर्थ केवल पैसा कमाना नहीं, बल्कि अपने काम के प्रति ईमानदार रहकर दूसरों को खुशी देना भी है।

शिक्षा (Moral of the Story):
ईमानदारी और संतोष के साथ किया गया छोटा काम, बेईमानी से किए गए बड़े व्यापार से कहीं अधिक सम्मानजनक और सुखद होता है।

चर्चा (Discussion Points):
गुणवत्ता बनाम मात्रा: क्या हमें मुनाफ़ा बढ़ाने के लिए चीज़ों की क्वालिटी से समझौता करना चाहिए?
मानसिक शांति: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में क्या 'संतोष' (Contentment) ही असली सफलता है?
ईमानदारी: जब कोई देख न रहा हो, तब भी सही काम करना ही सच्ची ईमानदारी है।

Hashtags:
#MoralStory #HindiKahaniya #Inspiration #HonestyIsBestPolicy #NadiKinare #StreetFoodStory #LifeLessons #HindiSahitya #EthicalLiving #SuccessMindset

Visa mer

 0 Kommentarer sort   Sortera efter


Strax