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भारत की बेटियों ने भारत को विश्व विजेता बनाया विश्व कप 2025, भारत के नाम
Difference between I have to win and I need to win #win #motivational
The Taj Story (2025) Hindi HDTC 1080p 720p & 480p x264 (LiNE) | [Drama] Full Movie.
पिता पर कुछ पंक्तियाँ
90s Evergreen bollywood song
फ़िल्म का विवरण नाम: एनिमल (Animal) रिलीज़: 1 दिसंबर 2023 निर्देशक: संदीप रेड्डी वांगा मुख्य कलाकार: रणबीर कपूर (रणविजय सिंह / विजय"😉 अनिल कपूर (बलबीर सिंह, विजय के पिता) बॉबी देओल (अबरार हक़) रश्मिका मंदाना (गीतांजलि, विजय की पत्नी) तृप्ति डिमरी (ज़ोया) फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert) यह कहानी एक बेटे के अपने पिता के प्रति जुनून और प्यार की है, जो उसे एक जानवर (Animal) बना देता है। भाग 1: विजय का बचपन और पिता का जुनून रणविजय सिंह विजय (रणबीर कपूर) दिल्ली के एक बहुत अमीर उद्योगपति बलबीर सिंह (अनिल कपूर) का बेटा है। बलबीर 'स्वस्तिक स्टील्स' नाम की विशाल कंपनी के मालिक हैं और अपने काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि अपने बेटे विजय पर कभी ध्यान नहीं दे पाते। विजय अपने पिता को भगवान की तरह पूजता है और उनके थोड़े से ध्यान और प्यार के लिए तरसता है। वह अपने पिता का ध्यान खींचने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है। एक बार जब उसकी बड़ी बहन की रैगिंग होती है, तो विजय कॉलेज में AK-47 गन लेकर पहुँच जाता है। इस घटना से नाराज़ होकर बलबीर उसे अमेरिका के एक बोर्डिंग स्कूल में भेज देते हैं। भाग 2: पिता पर हमला और विजय की वापसी कई साल बाद, विजय (अब शादीशुदा और दो बच्चों का पिता) अपनी पत्नी गीतांजलि (रश्मिका मंदाना) के साथ अमेरिका में बस चुका है। एक दिन उसे खबर मिलती है कि भारत में उसके पिता बलबीर पर जानलेवा हमला हुआ है, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। विजय तुरंत भारत लौटता है। वह अपने पिता की सुरक्षा को लेकर पागल हो जाता है और हमलावर को ढूँढने की कसम खाता है। उसका यह जुनून उसे एक क्रूर और हिंसक इंसान में बदलना शुरू कर देता है। भाग 3: 'एनिमल' का उदय और बदला विजय को पता चलता है कि इस हमले के पीछे उसके जीजा (बहन के पति) का हाथ था, जिसने पैसे के लिए कंपनी के दुश्मनों को जानकारी दी थी। विजय उसे एक मीटिंग के दौरान बेरहमी से मार डालता है। विजय को यह भी पता चलता है कि हमले का असली मास्टरमाइंड अबरार हक़ (बॉबी देओल) है, जो स्कॉटलैंड में रहता है। अबरार का परिवार भी स्वस्तिक स्टील्स के संस्थापकों में से था, लेकिन बलबीर के दादा ने उन्हें धोखा देकर बिज़नेस से निकाल दिया था। अबरार अब उसी धोखे का बदला ले रहा है। भाग 4: ज़ोया और अबरार का भाई बदले की इस लड़ाई में विजय को कई गोलियाँ लगती हैं और उसे हार्ट ट्रांसप्लांट की ज़रूरत पड़ती है। उसे ज़ोया (तृप्ति डिमरी) नाम की एक लड़की का दिल मिलता है। ठीक होने के बाद, विजय ज़ोया को ढूँढता है (जो कि एक हमशक्ल होती है, क्योंकि असली ज़ोया मर चुकी थी) और उसके साथ अफेयर शुरू कर देता है, यह जानने के लिए कि उसके डोनर के बारे में कोई राज़ तो नहीं। बाद में पता चलता है कि ज़ोया, अबरार की तरफ से भेजी गई एक जासूस थी। भाग 5: क्लाइमेक्स (विजय vs अबरार) विजय, अबरार को खत्म करने के लिए स्कॉटलैंड पहुँचता है। एयरपोर्ट के रनवे पर विजय और अबरार के बीच एक बहुत हिंसक और खूनी लड़ाई होती है। इस लड़ाई में, विजय कुल्हाड़ी से अबरार का गला काट देता है। अंत (Ending) विजय ज़ख़्मी हालत में भारत लौटता है। वह अपने पिता बलबीर से मिलता है। बलबीर को पता चलता है कि विजय की क्रूरता की वजह उनका खुद का व्यवहार (बचपन में प्यार न देना) था। वह अपने बेटे से माफ़ी मांगते हैं। विजय टूट जाता है और रोने लगता है, क्योंकि उसे आखिरकार अपने पिता का प्यार मिल जाता है, लेकिन तब तक वह एक खूंखार 'जानवर' बन चुका होता है। गीतांजलि, विजय की हिंसा और अफेयर से तंग आकर उसे अपने बच्चों के साथ छोड़कर चली जाती है। पोस्ट-क्रेडिट सीन (सीक्वल का संकेत): सीन में दिखाया जाता है कि अबरार का एक और भाई, अज़ीज़ हक़ (जो बिल्कुल विजय जैसा दिखता है) है, जिसने प्लास्टिक सर्जरी करवाकर विजय का चेहरा अपना लिया है। वह विजय के दो साथियों को मार देता है और विजय के परिवार से बदला लेने की कसम खाता है, जो 'एनिमल पार्क' (Animal Park) नाम के सीक्वल की कहानी होगी।
T-Series Bhakti Sagar Best collection I Morning Time Bhajans I GULSHAN KUMAR I ANURADHA PAUDWAL(720P_HD)
Jagjit Singh - Tumko Dekha To Yeh Khayal Aaya #JagjitSingh
सिंधुदुर्ग नापणे धबधब्यावरील काचेचा पूल चालू झाला.
JD Vance wants his Hindu wife Usha to convert? Ugly American Politics! By Prashant Dhawan
Sai pallavi EditZ 🥰
Rani Rudrama Devi 👑(Queen of kakatiya dynasty) Andhra
A fun time edit on zoho messenger or Arattai ! Whatsapp vs Arattai !
Sai pallavi EditZ
Name: Mission: Impossible Release Date: 2025 Genre: Action, Spy, Thriller Key Cast: Tom Cruise as Ethan Hunt Hayley Atwell as Grace Esai Morales as Gabriel Ving Rhames as Luther Stickell Simon Pegg as Benji Dunn Rebecca Ferguson as Ilsa Faust Vanessa Kirby as Alanna Mitsopolis (The White Widow) Pom Klementieff as Paris Director: Christopher McQuarrie
त्र्यंबकेश्वर मंदिर हिवरे सासवड Kedar Pooja Pravas
Capf Marching Band
फ़िल्म का विवरण नाम: कांतारा (Kantara: A Legend) रिलीज़: 30 सितंबर 2022 निर्देशक: ऋषभ शेट्टी मुख्य कलाकार: ऋषभ शेट्टी (शिवा) किशोर (मुरलीधर, फ़ॉरेस्ट ऑफिसर) अच्युत कुमार (देवेंद्र सुत्तूरु) सप्तमी गौड़ा (लीला) फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert) यह कहानी कर्नाटक के तटीय (Coastal) गाँव के एक जंगल (कांतारा) और वहाँ के निवासियों की है, जिनका अपनी ज़मीन और 'दैव' (स्थानीय देवता) में अटूट विश्वास है। कहानी तीन अलग-अलग समय में बंटी हुई है। भाग 1: 1847 (राजा की कहानी) एक राजा, जिसके पास सब कुछ था, लेकिन मन की शांति नहीं थी। वह शांति की खोज में एक जंगल में पहुँचता है, जहाँ उसे आदिवासियों द्वारा पूजे जाने वाले एक पत्थर में 'पंजुरली दैव' (जंगली सूअर के रूप वाले देवता) का वास मिलता है। राजा को वहाँ शांति का अनुभव होता है। राजा, गाँव वालों से वह पत्थर मांगता है। गाँव वाले इस शर्त पर राज़ी होते हैं कि राजा को इसके बदले अपनी ज़मीन का एक बड़ा हिस्सा उन्हें दान देना होगा। 'दैव' अपने नर्तक (जिसे 'कोला' कहते हैं) के शरीर में आकर राजा को चेतावनी देता है कि अगर राजा या उसके वंशजों ने कभी भी यह ज़मीन वापस लेने की कोशिश की, तो उनके कुल का नाश 'गुलिगा दैव' (पंजुरली के साथी, एक उग्र देवता) के हाथों होगा। राजा यह शर्त मान लेता है। भाग 2: 1970 राजा के एक लालची वंशज ने उस ज़मीन को वापस हड़पने के लिए कोर्ट में केस कर दिया। गाँव के 'भूत कोला' (दैव का नृत्य) अनुष्ठान के दौरान, उस समय के नर्तक (जो मुख्य किरदार 'शिवा' का पिता था) के शरीर में 'पंजुरली दैव' आता है। वह राजा के वंशज को चेतावनी देता है कि उसका अंत नज़दीक है। वंशज, दैव का मज़ाक उड़ाता है। दैव का नर्तक गुस्से में "वराsss..." की चीख मारता हुआ जंगल में भाग जाता है और गायब हो जाता है। कुछ महीनों बाद, राजा का वह वंशज कोर्ट की सीढ़ियों पर रहस्यमयी तरीके से खून की उल्टियाँ करके मर जाता है। भाग 3: 1990 (मुख्य कहानी) कहानी का मुख्य नायक शिवा (ऋषभ शेट्टी) है, जो उसी गायब हुए नर्तक का बेटा है। शिवा अपने पिता के गायब होने से डरा हुआ है और 'कोला' अनुष्ठान से दूर रहता है। वह एक लापरवाह, खुशमिज़ाज युवक है जो 'कंबाला' (भैंसों की दौड़) का चैंपियन है और गाँव के ज़मींदार देवेंद्र सुत्तूरु (जो उसी राजा का वंशज है) के लिए काम करता है। कहानी में दो मुख्य संघर्ष हैं: इंसान बनाम प्रकृति (शिवा vs मुरली): मुरलीधर (किशोर) एक सख़्त और ईमानदार फ़ॉरेस्ट ऑफिसर है, जिसे उस जंगल को 'रिज़र्व फ़ॉरेस्ट' (सरकारी संरक्षित वन) घोषित करने के लिए भेजा गया है। उसका मानना है कि गाँव वाले जंगल को नुकसान पहुँचा रहे हैं। शिवा और मुरली के बीच जंगल पर अधिकार को लेकर टकराव शुरू हो जाता है। शिवा मानता है कि जंगल उनका घर है, जबकि मुरली मानता है कि यह सरकारी संपत्ति है। परंपरा बनाम लालच (शिवा vs देवेंद्र): ज़मींदार देवेंद्र सुत्तूरु, जो बाहर से गाँव वालों का हितैषी होने का नाटक करता है, असल में उनकी ज़मीन (जो 1847 में दान दी गई थी) को धोखे से हड़पना चाहता है। वह जानता है कि वह ज़मीन कानूनी तौर पर नहीं ले सकता, इसलिए वह शिवा और फ़ॉरेस्ट ऑफिसर मुरली को आपस में लड़वाता है। कहानी में मोड़ (Climax) देवेंद्र अपनी साज़िश में कामयाब होने के लिए शिवा के चचेरे भाई गुरुवा (जो अब गाँव का 'दैव नर्तक' है) की हत्या कर देता है। वह इसका इल्ज़ाम फ़ॉरेस्ट ऑफिसर मुरली पर लगाने की कोशिश करता है और शिवा को मुरली को मारने के लिए भड़काता है। जब शिवा, मुरली को मारने जाता है, तब उसे सच्चाई पता चलती है कि असली कातिल ज़मींदार देवेंद्र है। देवेंद्र के गुंडे शिवा और गाँव वालों पर हमला कर देते हैं। लड़ाई में शिवा बुरी तरह ज़ख्मी होकर लगभग मर जाता है। अलौकिक क्लाइमेक्स (The Divine Climax) जैसे ही शिवा अपनी आखिरी साँसें ले रहा होता है, वह अपने पिता की चीख ("वराsss...") सुनता है। उसी पल, 'गुलिगा दैव' (उग्र देवता) की आत्मा शिवा के शरीर में प्रवेश कर जाती है। शिवा एक अलौकिक शक्ति के साथ फिर से ज़िंदा होता है। उसका चेहरा 'गुलिगा दैव' की तरह रंगा होता है। वह ज़ोर से चीखता है और एक-एक करके देवेंद्र और उसके सभी गुंडों को बहुत क्रूरता से मार डालता है। अंत (The Ending) सब कुछ शांत होने के बाद, शिवा 'पंजुरली दैव' (सौम्य देवता) के रूप में 'भूत कोला' का अनुष्ठान पूरा करता है। 'दैव' उसके शरीर के माध्यम से फ़ॉरेस्ट ऑफिसर मुरली और गाँव वालों के बीच सुलह कराता है और उन्हें जंगल की रक्षा करने का वचन देता है। अनुष्ठान के अंत में, शिवा (दैव रूप में) गाँव वालों को आशीर्वाद देता है और फिर पीछे हटते हुए जंगल में जाकर उसी तरह गायब हो जाता है, जैसे उसका पिता गायब हुआ था। वह प्रकृति और 'दैव' में विलीन हो जाता है।
फ़िल्म का विवरण नाम: कुली (Coolie) रिलीज़: 14 अगस्त 2025 (सिनेमाघर) | 11 सितंबर 2025 OTT शैली (Genre): एक्शन, क्राइम ड्रामा निर्देशक: लोकेश कनगराज (Lokesh Kanagaraj) मुख्य कलाकार: रजनीकांत (देवा) नागार्जुन (साइमन) आमिर खान (दाहा - विशेष उपस्थिति) सौबिन शाहिर (दयालन) सत्यराज (राजशेखर) श्रुति हासन (प्रीति) फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert) यह कहानी देवा (रजनीकांत) की है, जो एक बंदरगाह (port) पर 'कुली' यूनियन का पूर्व लीडर है। वह अब अपराध की दुनिया छोड़कर एक शांत जीवन जी रहा है और एक बड़ी हवेली का मालिक है। कहानी की शुरुआत देवा का सबसे अच्छा दोस्त राजशेखर (सत्यराज) है। एक दिन, राजशेखर की अचानक "दिल का दौरा" पड़ने से मौत हो जाती है। देवा को यह बात अजीब लगती है और उसे शक होता है कि यह एक सामान्य मौत नहीं है। जांच और खुलासा देवा अपने दोस्त की मौत की जांच खुद शुरू करता है। उसे पता चलता है कि राजशेखर की हत्या की गई थी। इस जांच के दौरान, देवा का सामना एक बहुत बड़े और क्रूर अपराध सिंडिकेट से होता है, जो सोने (gold) और लग्ज़री घड़ियों की तस्करी (smuggling) का कारोबार करता है। मुख्य खलनायक इस सिंडिकेट को दो लोग चलाते हैं: साइमन (नागार्जुन): सिंडिकेट का मुख्य बॉस, जो बहुत शातिर और खतरनाक है। दयालन (सौबिन शाहिर): साइमन का दाहिना हाथ, जो बहुत क्रूर है और बंदरगाह पर सारा काम संभालता है। संघर्ष (Conflict) देवा को पता चलता है कि उसके दोस्त राजशेखर ने इस सिंडिकेट के खिलाफ कुछ सबूत जुटा लिए थे, जिस वजह से उसे मार दिया गया। देवा, जो अपना पुराना हिंसक जीवन छोड़ चुका था, अब बदला लेने के लिए मजबूर हो जाता है। वह अपने पुराने 'कुली' अवतार में वापस आता है और एक-एक करके साइमन के आदमियों को खत्म करना शुरू कर देता है। आमिर खान का किरदार कहानी में दाहा (आमिर खान) की एंट्री होती है, जो एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर है और साइमन के साथ व्यापार करने आता है। देवा का टकराव दाहा से भी होता है। क्लाइमेक्स (अंत) देवा बंदरगाह पर साइमन, दयालन और दाहा के पूरे गिरोह से भिड़ता है। वह यह भी खुलासा करता है कि वह सिर्फ एक कुली नहीं था, बल्कि एक अंडरकवर एजेंट था जिसने अपराध की दुनिया में घुसपैठ की थी। अंत में, देवा अपने दोस्त की मौत का बदला लेता है और पूरे तस्करी रैकेट को खत्म कर देता है। यह फ़िल्म लोकेश कनगराज के सिनेमैटिक यूनिवर्स (LCU) का हिस्सा नहीं है, यह एक अलग कहानी है।
श्रीराम जय राम जय जय राम - जप १३ मालाएं (स्वर - केदार खळदकर) जय श्रीराम !!! ---------- #shriramjayramjayjayram #श्रीरामजयरामजयजयराम