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1 Görünümler· 21 Kasım 2025
rupeshkum
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İçinde Eğlence

एक दिन शेखचिल्ली जंगल में लकड़ी काटने गया। रास्ते में उसे एक पुराना मिट्टी का बर्तन मिला। उसने सोचा—“क्यों ना आज इसमें खिचड़ी बनाई जाए!” लकड़ी जलाकर उसने बर्तन चढ़ा दिया। खिचड़ी पकने लगी और शेखचिल्ली अपने सपनों में खो गया।

वह सोचने लगा—“जब खिचड़ी बनेगी, मैं इसे शहर में बेचूँगा। खूब पैसे कमाऊँगा। फिर मैं एक बकरी खरीदूँगा। बकरी बच्चे देगी। मैं ढेर सारे जानवरों का मालिक बन जाऊँगा। हर कोई मुझे शेखचिल्ली मालिक कहेगा।”

सपने में वह इतना खुश हुआ कि पैर पटककर बोला—“हाँ! मैं मालिक बनूँगा!”

पर जैसे ही उसने पैर पटका, बर्तन उलट गया… सारी खिचड़ी ज़मीन पर फैल गई। उसके सारे सपने भी उसी के साथ बिखर गए।

कहानी की सीख:
मेहनत किए बिना सिर्फ सपने देखने से कुछ नहीं मिलता।

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