Shekhchilli Ki Kahani – बेगम के पैर वाली फनी स्टोरी
Shekhchilli Ki Kahani – बेगम के पैर वाली फनी स्टोरी
बेगम के पैर शेखचिल्ली की उन मजेदार कहानियों में से है, जिसमें उनकी भोली बुद्धि और हाजिरजवाबी लोगों को खूब हँसाती है। यह कहानी बच्चों और बड़ों दोनों के लिए मनोरंजक है।
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📘 कहानी (Story)
एक बार शेखचिल्ली किसी नवाब के यहाँ मेहमान बनकर पहुँच गए। नवाब खुश होकर बोले—
“शेखचिल्ली, हमारी बेगम के पैर बहुत नाज़ुक हैं। कोई भी बात हो, उन्हें परेशान नहीं होना चाहिए।”
शेखचिल्ली ने इसे शाब्दिक रूप से समझ लिया और अगले ही दिन बेगम को कहीं भी चलने नहीं दिया। जब बेगम उठकर रसोई की ओर जाने लगीं, तो शेखचिल्ली दौड़कर बोले—
“बेगम साहिबा! नवाब ने मना किया है कि आपके पैर परेशान नहीं होने चाहिए, इसलिए आप चलेंगी नहीं। आप बस यहीं बैठिए, बाकी सब मैं कर दूँगा!”
घर में सब हँसते-हँसते लोट-पोट हो गए। नवाब को जब पता चला तो उन्होंने हँसते हुए कहा—
“अरे शेखचिल्ली! मेरा मतलब था कि बेगम को तकलीफ़ न हो, न कि आप उन्हें चलने न दें!”
शेखचिल्ली बोले—
“तो नवाब साहब, अगली बार साफ-साफ बताइए, वरना आप भी परेशान हो जाओगे और मैं भी!”
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