लालची समोसेवाला _ Lalchi Samose Wala hindi kahaniya moral stories
लालची समोसेवाला" कहानी एक दुकानदार की कहानी है जो लालच के कारण अपना सब कुछ गँवा देता है। यह कहानी सिखाती है कि लालच बुरा है, और दूसरों को देखकर या उनसे प्रतिस्पर्धा करने के बजाय अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। कहानी का सार यह है कि ज्यादा कमाने की चाह में, वह एक प्रतियोगिता में हिस्सा लेता है, लेकिन अपनी मूर्खता और लालच से अपना व्यापार और पैसा खो बैठता है।
कहानी का सारांश
शुरुआत: एक गांव में एक दुकानदार, जिसका नाम रंगैया था, समोसे बेचता था और बहुत लोकप्रिय था।
लालच: उसके बगल में एक और दुकान खुली, जहाँ लोग स्वादिष्ट कचोरी बेचते थे, जिससे रंगैया को ईर्ष्या और लालच होने लगा।
प्रतियोगिता: रंगैया ने लालच में आकर, ज्यादा से ज्यादा समोसे बेचने की एक प्रतियोगिता शुरू की। उसने सोचा कि वह ज्यादा समोसे बेचकर ज्यादा पैसे कमाएगा।
लालच का परिणाम: प्रतियोगिता के कारण रंगैया ने रात-दिन एक करके ज्यादा समोसे बेचे। इससे उसकी दुकान और उसके समोसे की गुणवत्ता भी खराब हो गई और अंत में ग्राहक कम हो गए और वह दिवालिया हो गया।
सीख: कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि लालच करना गलत है और दूसरों को देखकर हमें वही नहीं करना चाहिए जो हम कर सकते हैं। हमें अपने काम पर ध्यान देना चाहिए और ज्यादा पैसे कमाने के लालच में अपने काम को खराब नहीं करना चाहिए।
कहानी का नैतिक
लालच एक बुराई है: कहानी से यह पता चलता है कि लालच एक बहुत बुरी चीज है और यह हमें विनाश की ओर ले जा सकती है।
ईर्ष्या करना गलत है: दूसरों से ईर्ष्या करने के बजाय, हमें अपनी मेहनत और कौशल पर ध्यान देना चाहिए।
अपनी मेहनत का फल: अगर हम अपनी मेहनत से कमाते हैं, तो हमें उसका फल भी जरूर मिलता है।
सोच-समझकर काम करें: कोई भी काम करने से पहले हमें उसके बारे में सोचना चाहिए। लालच में आकर कोई भी गलत कदम नहीं उठाना चाहिए।

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