التالي

ख़ामोशी की क़ीमत | सबसे बड़ा इंसाफ़

5 المشاهدات· 28 ديسمبر 2025
super
super
1 مشتركين
1

💔 एक पिता की ख़ामोशी — ₹50,000 की सबसे बड़ी लड़ाई

क्या ₹50,000 का कर्ज़ एक बेबस बाप की ख़ामोशी से ज़्यादा कीमती हो सकता है?

अर्जुन का बेटा राजू अस्पताल में मौत से लड़ रहा था, और उसे बचाने के लिए अर्जुन को तुरंत ₹50,000 चाहिए थे। जब हर जगह से निराशा मिली, तो उसे साहूकार के सामने झुकना पड़ा।

साहूकार ने अर्जुन के सामने एक ऐसी शर्त रखी—
"अगर तू बोला, तो बेटे की साँसें रुक जाएँगी।"

बेटे को बचाने के लिए अर्जुन ने अपने मौन का बलिदान दिया और उस ख़ामोशी की क़ीमत चुकाने जंगल की ओर चल दिया।

लेकिन अर्जुन को साहूकार का सबसे बड़ा धोखा तब मिला, जब उसे लगा कि वह अपनी ईमानदारी के कारण हार गया।

इस कहानी में देखिए —
इंसानियत और लालच की लड़ाई में, कर्म का इंसाफ़ कैसे होता है।

यह कहानी आपको रुला देगी, और सिखाएगी कि
पैसे की कीमत सीमित होती है,
लेकिन इंसानियत — अनमोल होती है।

ज़रूर देखिए इस दिल छू लेने वाली कहानी को अंत तक।


-------------------------------------
KEYWORDS:
खामोशी की कीमत, बेबस बाप की कहानी, ईमानदारी, इंसाफ, इंसानियत, धोखा, भावनात्मक कहानी, short story hindi, dard bhari kahani, kahani youtube, family story hindi
-------------------------------------

DISCLAIMER:
यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है। इसमें बताए गए नाम, घटनाएँ और पात्र कल्पना पर आधारित हैं। किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति, संस्था या घटना से समानता केवल संयोग मात्र होगी। यह वीडियो केवल मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है।

أظهر المزيد

 0 تعليقات sort   ترتيب حسب


التالي