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तारे ही तारे कहानी | बच्चों के लिए रात के आसमान की सीख देने वाली प्रेरणादायक कहानीतारे ही तारे कहानी

5 意见· 18 十一月 2025
rupeshkum
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⁣तारे ही तारे कहानी (Tare Hi Tare Kahani)


एक शांत रात थी। आसमान बिलकुल साफ था और उसमें तारे ही तारे चमक रहे थे। गाँव का एक छोटा बच्चा अनय अपने घर की छत पर बैठकर आसमान को निहार रहा था। हर तारा उसे अलग-अलग तरह से चमकता हुआ दिख रहा था।


कुछ तारे ज्यादा चमकीले थे, कुछ कम। कुछ पास लगते थे और कुछ बहुत दूर।
अनय ने अपनी माँ से पूछा—


“माँ, ये तारे अलग-अलग क्यों चमकते हैं?”


माँ मुस्कुराई और बोली—


“बेटा, हर तारे की अपनी रोशनी होती है। जैसे-जैसे वो मेहनत करता है, उतनी ही ज्यादा चमक पैदा करता है। कोई भी तारा बिना कोशिश के चमकदार नहीं बनता।”


अनय ने उत्सुकता से फिर पूछा—
“क्या मैं भी किसी तारे की तरह चमक सकता हूँ?”


माँ ने उसके सिर पर हाथ फेरा और कहा—
“हाँ बेटा, अगर तुम अपने काम, पढ़ाई और सपनों के लिए लगातार मेहनत करोगे, तो तुम भी आकाश के सबसे चमकीले तारे की तरह चमकोगे।”


उस रात अनय ने तारों को एक-एक करके देखना शुरू किया। उसे ऐसा लगा जैसे हर तारा उसे अपनी कहानी सुना रहा हो—
“हार मत मानो… आगे बढ़ते रहो… एक दिन चमक तुम्हारे हिस्से भी आएगी।”


धीरे-धीरे अनय की आँखें बंद होने लगीं।
तारों की चमक जैसे उसे एक मीठे सपने में ले जा रही थी—सपना जहाँ वह अपने लक्ष्य तक पहुँच चुका था और आसमान में एक चमकीला तारा उसकी तरह जगमगा रहा था।




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⭐ कहानी की सीख (Moral of the Story)


हर इंसान की अपनी अलग चमक होती है।


मेहनत और लगन से कोई भी ऊँचाइयाँ छू सकता है।


कभी भी खुद की तुलना दूसरों से न करें।


अपने सपनों में विश्वास रखें, वे जरूर पूरे होते हैं।

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