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कानों में कंगना राधिका रमण प्रसाद सिंह #कहानी Kano me kangana Radhikaraman prasad Singh #kahani

3 Pogledi· 18 Prosinac 2025
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राधिकारमण प्रसाद सिंह (अंग्रेज़ी: Radhikaraman Prasad Singh, जन्म- 10 सितम्बर, 1890, शाहाबाद, बिहार; मृत्यु- 24 मार्च, 1971) का हिंदी के आधुनिक गद्यकारों में प्रमुख स्थान है। उन्होंने कहानी, गद्य, काव्य, उपन्यास, संस्मरण,नाटक सभी विद्याओं में साहित्य की रचना की। उनका संबंध देश के अनेक साहित्यिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्थाओं से रहा। राधिकारमण प्रसाद सिंह की गणना हिंदी के यशस्वी-कथाकारों एवं विशिष्ट शैलीकारों में होती है। उन्होंनेलगभग 50 वर्षों तक हिंदी की सेवा की। आधुनिक हिंदी कथा साहित्य में आपका स्थान 'कानों में कंगना' के लिए स्मरणीय है।

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