शिक्षा ही जीवन हैं। यहीं हमारा और हमारे बच्चों का भविष्य सुधार सकती हैं। तब ही तो अम्बेडकर साहब ने 1942 में कहा था कि शिक्षित बणों, संघर्ष करो और संगठित हो।
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रावण का कम जानी emotional साइड! “अगर मेरे भाई और बेटे मर जाएंगे… तो मैं अकेला क्या करूंगा?” देखें उसके रिश्तों और भावनाओं की गहराई। 👍 लाइक करें, 💬 कमेंट करें, 🔔 सब्सक्राइब करें।