Kantara: A Legend - Chapter 1 Blockbuster south movie Onoterat
फ़िल्म का विवरण
नाम: कांतारा: अ लेजेंड - चैप्टर 1 (Kantara: A Legend - Chapter 1)
रिलीज़: 2 अक्टूबर 2025
शैली (Genre): माइथोलॉजिकल एक्शन ड्रामा
निर्देशक: ऋषभ शेट्टी
मुख्य कलाकार:
ऋषभ शेट्टी (बर्मी)
रुक्मिणी वसंत (राजकुमारी कनकावती)
गुलशन देवैया (राजा कुलशेखर)
फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
यह कहानी 2022 की 'कांतारा' से लगभग 300-400 साल पहले, कदंब राजवंश (Kadamba Dynasty) के समय की है।
भाग 1: बर्मी और कुलशेखर
बर्मी (ऋषभ शेट्टी) कांतारा जंगल में रहने वाली जनजाति का एक भयंकर योद्धा है। वह कबीले की रक्षा करता है और प्रकृति के साथ जुड़ा हुआ है।
उस समय, उस इलाके पर बंगरा साम्राज्य के क्रूर राजा कुलशेखर (गुलशन देवैया) का शासन था। राजा कुलशेखर कांतारा जंगल में मौजूद एक 'दिव्य औषधीय बगीचे' (Sacred Spice Garden) को हासिल करना चाहता है, ताकि वह बहुत अमीर और शक्तिशाली बन सके।
भाग 2: बर्मी और कनकावती का प्यार
कहानी में राजा कुलशेखर की बहन, राजकुमारी कनकावती (रुक्मिणी वसंत) की एंट्री होती है। कनकावती एक दयालु स्त्री है, जिसे कबीले के लोगों से सहानुभूति है। उसकी मुलाकात बर्मी से होती है और दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो जाता है।
भाग 3: पहला टकराव और गुलिगा का जन्म
राजा कुलशेखर अपनी सेना के साथ कबीले पर हमला कर देता है। इस हमले में बर्मी की पालक माँ (foster mother) मारी जाती है। अपनी माँ की मौत और अपने कबीले की तबाही देखकर बर्मी गुस्से से भर जाता है।
वह पास के एक पवित्र कुएँ में कूद जाता है। उस कुएँ से 'गुलिगा दैव' (GULIGA DAIVA) की उग्र आत्मा निकलती है और बर्मी के शरीर में प्रवेश कर जाती है। 'गुलिगा' के रूप में, बर्मी राजा कुलशेखर की सेना को नष्ट कर देता है और उसे मार डालता है।
भाग 4: राजकुमारी का धोखा
कुलशेखर के मरने के बाद, उसका पिता (पुराना राजा) राजकुमारी कनकावती को रानी बना देता है। बर्मी और कनकावती कबीले और राजघराने के बीच शांति लाने की कोशिश करते हैं।
लेकिन, कनकावती को अपने भाई की मौत का बदला लेना था। वह बर्मी से प्यार का नाटक करती है, लेकिन गुप्त रूप से कबीले के खिलाफ एक साज़िश रचती है। वह एक ऐसा अनुष्ठान करती है जिससे कबीले के बच्चों पर एक रहस्यमयी बीमारी फैल जाती है।
भाग 5: क्लाइमेक्स (GULIGA vs PANJURLI)
जब बर्मी को कनकावती के धोखे का पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। वह फिर से 'गुलिगा' का आह्वान करता है।
इसी समय, प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए, 'पंजुरली दैव' (PANJURLI DAIVA - जंगली सूअर वाला देवता) भी प्रकट होता है। पंजुरली दैव, कनकावती के महल और उसके साम्राज्य में आग लगा देता है।
दूसरी तरफ, बर्मी (गुलिगा दैव के रूप में) राजकुमारी कनकावती का सामना करता है और उसे मार डालता है।
अंत (Connecting to Part 1):
अपना बदला पूरा करने और कबीले की रक्षा करने के बाद, बर्मी (गुलिगा दैव के रूप में) वापस उसी पवित्र कुएँ में गोता लगाता है और हमेशा के लिए गायब हो जाता है।
यह फ़िल्म दिखाती है कि यही वह पवित्र कुआँ है जो 'दैव का चक्र' (divine circle) बन जाता है, जहाँ 2022 वाली फ़िल्म में शिवा (ऋषभ शेट्टी) और उसके पिता भी अंत में विलीन हो जाते हैं। यह दिखाती है कि 'पंजुरली' और 'गुलिगा' कबीले के रक्षक क्यों बने।

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