Kam Band Padhe To Vo Dikhai De Kahani | मजेदार हास्य कहानी हिंदी में
⭐ कम बंद पड़े तो वो दिखाई दे – हास्य कहानी
एक गाँव में मन्नू काका नाम के आदमी रहते थे। काका की एक आदत बड़ी अजीब थी—
जब भी घर के लोग कुछ उनसे छुपाते, काका कहते:
“अरे बेटा! कमरे की बत्ती बंद करो, कम बंद पड़े तो वो दिखाई दे!”
सब लोग हँसते थे, पर काका को पूरा यकीन था कि अंधेरे में आँखें ज्यादा काम करती हैं।
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🔦 मजेदार घटना
एक दिन काका के पोते ने एक टॉफी चुरा ली और तकिये के नीचे छिपा दी।
काका को शक हुआ।
उन्होंने बोला:
“बत्ती बंद करो! अभी पता चलता है टॉफी कहाँ है!”
सबने कमरे की लाइट बंद कर दी।
काका हाथ आगे बढ़ाते हुए बोले—
“अंधेरा है, इसलिए अब साफ दिखेगा!”
पर अंधेरे में देखते-देखते काका खुद ही खाट से टकरा गए।
धड़ाम!
घर वाले बोले—
“काका! कुछ दिखा?”
काका हँसते हुए बोले—
“हाँ… खाट जरूर दिखाई दी, क्योंकि उसी से टकराया हूँ!”
तभी पोता डर गया और बोला—
“काका! टॉफी मैंने चुराई थी… ये रही!”
काका मुस्कुराकर बोले—
“देखा! मैंने कहा था न, कम बंद पड़े तो वो दिखाई दे!”
सब जोर-जोर से हँसने लगे।
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🎯 कहानी की सीख (Moral of the Story)
सच ज्यादा देर छिप नहीं सकता।
हर बात पर शक नहीं करना चाहिए।
हँसी-मजाक से घर में खुशियाँ ही फैलती हैं।