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Baahubali Prabhas SuperStar Blockbuster Movie 2015

22 بازدیدها • 31 اکتبر 2025
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Rohit Choudhary
Rohit Choudhary
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⁣फ़िल्म का विवरण
नाम: बाहुबली: द बिगिनिंग (Baahubali: The Beginning)


रिलीज़: 10 जुलाई 2015
निर्देशक: एस. एस. राजामौली (S. S. Rajamouli)
मुख्य कलाकार:
प्रभास (शिवुडु / महेंद्र बाहुबली और अमरेंद्र बाहुबली)
राणा दग्गुबाती (भल्लालदेव)
तमन्ना भाटिया (अवंतिका)
अनुष्का शेट्टी (देवसेना)
सत्यराज (कटप्पा)
राम्या कृष्णन (शिवगामी)

फ़िल्म की पूरी कहानी (Spoiler Alert)
भाग 1: शिवुडु का बचपन
कहानी की शुरुआत महिष्मती साम्राज्य की राजमाता शिवगामी (राम्या कृष्णन) से होती है, जो ज़ख्मी हालत में एक बच्चे को गोद में लिए भाग रही हैं। सैनिक उनका पीछा कर रहे होते हैं। वह सैनिकों को मार देती हैं, लेकिन नदी पार करते समय डूबने लगती हैं। अपनी जान देने से पहले, वह बच्चे को हाथ में उठाकर भगवान से प्रार्थना करती हैं कि यह बच्चा (महेंद्र बाहुबली) जीना चाहिए।
नदी के पास रहने वाले एक आदिवासी कबीले के लोग उस बच्चे को बचा लेते हैं। कबीले की मुखिया संगा, उसे अपने बेटे की तरह पालती है और उसका नाम शिवुडु (प्रभास) रखती है।
शिवुडु बचपन से ही उस विशाल झरने (Waterall) को देखकर आकर्षित होता है, जहाँ से वह आया था। वह बार-बार उस झरने पर चढ़ने की कोशिश करता है, लेकिन नाकाम रहता है।
भाग 2: अवंतिका से मुलाकात
बड़ा होकर शिवुडु एक बेहद ताकतवर इंसान बनता है। एक दिन, झरने के ऊपर से एक लकड़ी का मुखौटा (Mask) गिरता है। शिवुडु उस मुखौटे की काल्पनिक सुंदरी से मिलने के लिए प्रेरित होता है और अपनी पूरी ताकत लगाकर आखिरकार उस विशाल झरने को चढ़ने में कामयाब हो जाता है।
ऊपर पहुँचकर वह अवंतिका (तमन्ना भाटिया) से मिलता है। अवंतिका एक विद्रोही समूह की योद्धा है। इस समूह का एक ही मकसद है—महिष्मती के क्रूर राजा भल्लालदेव (राणा दग्गुबाती) की कैद में 25 सालों से बंद अपनी रानी देवसेना (अनुष्का शेट्टी) को आज़ाद कराना।
शिवुडु, अवंतिका से प्यार करने लगता है और देवसेना को छुड़ाने का मिशन वह अपने हाथ में ले लेता है।
भाग 3: महिष्मती में प्रवेश
शिवुडु भेष बदलकर महिष्मती पहुँचता है। उसी समय भल्लालदेव अपनी 100 फुट ऊँची सोने की मूर्ति का अनावरण कर रहा होता है। शिवुडु छिपकर काम करता है और रात के अँधेरे में देवसेना को कैद से आज़ाद करा लेता है।
जब वे भाग रहे होते हैं, तो राजा का वफादार गुलाम और सेनापति कटप्पा (सत्यराज) उन्हें रोक लेता है। शिवुडु और कटप्पा के बीच लड़ाई होती है। लड़ाई के दौरान, शिवुडु का नकाब उतर जाता है।
शिवुडु का चेहरा देखते ही कटप्पा चौंक जाता है और उसके पैरों में गिरकर "बाहुबली!" चिल्लाने लगता है।
भाग 4: अतीत की कहानी (फ्लैशबैक)
शिवुडु (जिसका असली नाम महेंद्र बाहुबली है) को कुछ समझ नहीं आता। तब कटप्पा उसे उसके असली पिता अमरेंद्र बाहुबली (प्रभास का डबल रोल) की कहानी सुनाना शुरू करता है।
कटप्पा बताता है:
महिष्मती के राजा की मृत्यु के बाद, राजमाता शिवगामी ने अपने बेटे भल्लालदेव और अपने देवर के बेटे अमरेंद्र बाहुबली (जो शिवुडु का पिता था) को पाला।
दोनों भाइयों को राजसिंहासन के लिए बराबर शिक्षा दी गई। अमरेंद्र बाहुबली दयालु और प्रजा का प्यारा था, जबकि भल्लालदेव क्रूर और ताकत का भूखा था।
शिवगामी ने फैसला किया कि जो 'कालकेय' नाम के क्रूर कबीले को युद्ध में हराएगा, वही राजा बनेगा।
युद्ध में, भल्लालदेव ने क्रूरता से कालकेय के राजा को मार दिया। लेकिन अमरेंद्र बाहुबली ने न सिर्फ युद्ध जीता, बल्कि अपनी रणनीति से हज़ारों बेगुनाह लोगों की जान भी बचाई।
अमरेंद्र की इसी इंसानियत और वीरता को देखकर, शिवगामी ने उसे महिष्मती का नया राजा घोषित कर दिया।
भाग 5: सबसे बड़ा क्लिफहैंगर
कटप्पा की कहानी सुनकर शिवुडु (महेंद्र बाहुबली) पूछता है कि अगर मेरे पिता अमरेंद्र बाहुबली इतने महान राजा थे, तो वे आज कहाँ हैं?
कटप्पा रोते हुए और काँपते हुए जवाब देता है:
"उन्हें... मैंने ही मारा था।"
(यहाँ फ़िल्म का पहला भाग खत्म हो जाता है और इस सवाल का जवाब 'बाहुबली 2: द कन्क्लूजन' में दिया गया है।)

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1 نظرات sort مرتب سازی بر اساس
Nidhi Sahu
Nidhi Sahu
پیش 16 ساعت ها

really good movie, i already watched this on TV

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