फुनफुन और अंगूरों का पहरेदार" — Fhunfun and the Guardian of the Grapes
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22 شهر نوفمبر 2025
एक दिन भूखी लोमड़ी फुनफुन को एक ऊँची दीवार के पार अंगूरों का बाग़ दिखाई देता है।
वह अंदर जाने की कोशिश करती है, लेकिन दरवाज़े पर एक डरावना पिटबुल पहरा दे रहा होता है।
बेचारी लोमड़ी डरकर वापस लौट जाती है और खुद से कहती है — “अंगूर तो वैसे भी खट्टे होंगे।”
कहानी सिखाती है कि कभी-कभी हमें हमारी मनचाही चीज़ तुरंत नहीं मिलती, पर धैर्य रखना ज़रूरी है।
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