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Dar pe aaye kisi bhi insan ko ll Alok Kumar Sharma ll दर पे आए किसी भी इ

3 צפיות· 24 נוֹבֶמבֶּר 2025
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दर पे आए किसी भी इंसा को खाली हाथ ना लौटाना, डरना वक्त की मार से प्यारे, निर्बल पे सदा दया दिखाना।
मानव तो मात्र प्राणी है बंदे, सब कुछ वो ही करता धरता है, खुशहाली में कोई किसी से, कुछ भी मांगता नहीं फिरता है।।

समझो तो ये दुनिया अपनी है, क्या काम है ताले का, दाने दाने पे लिखा होता है, नाम खाने वाले का। नाम अमर होता है उसका, जो दुनिया पे मरता है, खुशहाली में कोई किसी से, कुछ भी मांगता नहीं फिरता है।

दानी वीर कर्ण महान से, तुम रक्खो शुद्ध विचार, बिना दान धर्म के ये जीवन, प्यारे होता है बेकार। काहे को भटका है इस जीवन में, क्यों ये झोली भरता है, खुशहाली में कोई किसी से, कुछ भी मांगता नहीं फिरता है।

तुरंत दान ये कल्याणी है, इससे बहुत बढ़ता है प्रताप, जन सेवा के भाव से तुम है, कर दो दूर जग का संताप। सीखो उस मालिक से प्यारे, जो सबके दुख हरता है, खुशहाली में कोई किसी से, कुछ भी मांगता नहीं फिरता है।
Lyrics Alok Kumar Sharma.

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