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हवेली थी, जिसे

6 مناظر· 22 دسمبر 2025
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2 سبسکرائبرز
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हवेली थी, जिसे लोग "घड़ियों वाली हवेली" कहते थे। 10 साल का आर्यन अपने दादा-दादी के पास छुट्टियां बिताने वहां गया था।​सन्नाटे में हलचल​एक रात, जब पूरा गांव गहरी नींद में सोया था, आर्यन की आंख अचानक खुल गई। उसे कमरे के कोने से एक अजीब सी आवाज सुनाई दी— टिक... टिक... टिक...।​आर्यन को लगा कि शायद कोई पुरानी घड़ी होगी। लेकिन अगले ही पल उसे याद आया कि उस कमरे में तो कोई घड़ी थी ही नहीं! वह डर के मारे अपनी रजाई में दुबक गया। आवाज धीरे-धीरे तेज होने लगी, जैसे कोई चीज दीवार के पीछे चल रही हो।​कमरे का रहस्य​अगले दिन आर्यन ने दादाजी को यह बात बताई। दादाजी मुस्कुराए और उसे हवेली के उस पुराने कमरे में ले गए। वहां धूल से भरी एक बहुत बड़ी अलमारी थी। जब उन्होंने अलमारी हटाई, तो पीछे की दीवार में एक छोटा सा छेद था।​तभी फिर वही आवाज आई— टिक... टिक... टिक...।​आर्यन पीछे हट गया, "दादाजी, क्या इसके अंदर कोई भूत है?"​असली सच्चाई​दादाजी ने हंसते हुए एक टॉर्च जलाई और छेद के अंदर रोशनी डाली। वहां कोई भूत नहीं, बल्कि एक 'डेथ वॉच बीटल' (Deathwatch Beetle) नाम का छोटा सा कीड़ा था। यह कीड़ा पुरानी लकड़ियों में रहता है और अपने सिर को लकड़ी पर मारकर साथी को बुलाता है, जिससे 'टिक-टिक' की आवाज आती है। पुराने जमाने में लोग इस आवाज से डर जाते थे, पर यह सिर्फ प्रकृति का एक हिस्सा था।​कहानी की सीख​"हर डर के पीछे एक वैज्ञानिक कारण होता है। जब तक हम सच्चाई नहीं जानते, हमें चीजें डरावनी लगती हैं। अंधेरे से नहीं, बल्कि अज्ञानता से डरना चाहिए।"​क्या आप चाहेंगे कि मैं इस तरह की कोई और कहानी लिखूँ जिसमें थोड़ा और रोमांच (Adventure) हो?

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Ãmäñ Khäñ
Ãmäñ Khäñ پہلے 11 گھنٹے

Bhai mene apka channel subscribe kar diya hai ab app bhi mera channel subscribe kar do

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