रावण का कम जानी emotional साइड! “अगर मेरे भाई और बेटे मर जाएंगे… तो मैं अकेला क्या करूंगा?” देखें उसके रिश्तों और भावनाओं की गहराई। 👍 लाइक करें, 💬 कमेंट करें, 🔔 सब्सक्राइब करें।
भोजन बनाने की तैयारी में जगन्नाथ और बलराम जी लकड़ियाँ जलाने में असफल रहे। भूख से दुर्बल दोनों भाई धुएँ से परेशान होकर बाहर निकले और अंततः भिक्षा में पका भोजन लेने का निर्णय किया।"