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एक हसीना पे दिल आया था
दिल ओ जान उसपे लुटाया था
में फकीर किसी की कुर्वत पे जीने लगा था
राहगीर दिल का उसे अपना ठिकाना बनाया था
पर क्या खबर थी मुझे
ये जिंदगी एक तूफान है
मेरा हसीन आशियाना ये उड़ा ले जाएगा
जो आई थी मेरी जिंदगी में एक सवेरा बनकर
वही सबसे अंधेरी रात लाएगी
मैं जो अब इस कमरे में बंद हूं
मैं जो अब इस कमरे में बंद हूं
मुझे संभालता उसका साया था
पर अब लड़खड़ा रहे हैं मेरे कदम
क्योंकि एक हसीना पर दिन आया था
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