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यह कहानी एक छोटे लड़के अर्जुन और उसके पिता की मेहनत का सच्चा भावनात्मक चित्र है।
रात-रात भर मजदूरी करने वाले पिता ने कभी हार नहीं मानी, क्योंकि उनका सपना था—
“मेरा बेटा मुझसे बेहतर जिंदगी जिए।”
सालों बाद जब अर्जुन इंजीनियर बना और पहली तनख्वाह से अपने पिता को उपहार दिया,
तो उसकी एक ही पंक्ति ने दिल छू लिया—
“पापा… आज मैं नहीं जीता, आपकी मेहनत जीती है।”
यह वीडियो हर उस पिता को समर्पित है जो चुपचाप संघर्ष करता है, सिर्फ अपने बच्चों के लिए।
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