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इस वीडियो में जानिए उस दिव्य धनुष का रहस्य जो आज भी समुद्र की गहराइयों में छिपा है।
कहते हैं गाण्डीव कोई साधारण धनुष नहीं था — इसकी रचना स्वयं ब्रह्मदेव ने की थी और इसमें देवताओं की दिव्य शक्ति बसती थी।
महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने इसी गाण्डीव से असंभव को संभव कर दिखाया।
लेकिन युद्ध के बाद एक रहस्यमयी आकाशवाणी हुई और अर्जुन ने गाण्डीव को समुद्र को समर्पित कर दिया।
किंवदंती है — जब अधर्म बढ़ेगा, गाण्डीव फिर से प्रकट होगा।
बिहार के बक्सर जिले में स्थित राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर को लेकर एक ऐसा रहस्य है जो आज तक सुलझ नहीं पाया।
कहा जाता है कि इस मंदिर में रात के समय मूर्तियाँ खुद आपस में बातें करती हैं।
श्रद्धालु बताते हैं कि उन्होंने मंदिर के गर्भगृह से आती हल्की फुसफुसाहटें, घंटियों की धीमी आवाज़ें और एक अजीब-सी दिव्य गूंज महसूस की है।
