Important Update – Upload Temporarily Disabled
Dear ApnaTube Users,
Filhaal video upload option temporary disabled hai due to a performance update.
Hamari team isse 24–48 hours me fix kar degi.
Aapka data safe hai — don’t panic.
Keep Sharing, Keep Downloading!
— Team ApnaTube
_मौत के छाँव – एक डरावनी रहस्यमयी कहानी | Horror Story in Hindi | Moral Story
मौत के छाँव – पूरी कहानी (SEO Friendly)
एक घने जंगल के बीच बसा एक छोटा सा गांव था—धनपुर। यह गांव अपनी शांत प्रकृति के लिए मशहूर था, लेकिन सूरज ढलते ही लोग घरों से बाहर निकलना बंद कर देते थे। इसका कारण था—“मौत की छाँव”।
कहते थे कि रात के समय एक काली परछाईं गांव की गलियों में घूमती है। जो भी उसके सामने आता, वह सुबह तक ज़िंदा नहीं बचता। किसी ने उसे करीब से कभी नहीं देखा, सिर्फ तेज़ ठंडी हवा, पैरों की आहट और किसी अनजान की परछाईं... इतना काफी था लोगों को डराने के लिए।
एक दिन गांव में रवि नाम का बहादुर युवक आया। उसे इन अफवाहों पर विश्वास नहीं था। उसने फैसला किया कि वो इस रहस्य को सुलझाएगा।
रात गहराई, चाँद बादलों के पीछे छिप गया और सन्नाटा फैल गया। रवि एक लालटेन लेकर बाहर निकला। हवा अचानक ठंडी होने लगी—जिसे गांव वाले "मौत के आने की निशानी" कहते थे।
अचानक उसे लगा कोई उसके पीछे खड़ा है। उसने पलटकर देखा—एक ऊँची काली परछाईं, बिना चेहरा, बिना आवाज़… सिर्फ एक डरावनी ठंडक।
रवि ने हिम्मत नहीं हारी। उसने अपनी लालटेन ऊंची उठाई और तेज़ आवाज़ में कहा—
“तुम कौन हो? क्यों डराते हो गांव वालों को?”
कुछ पल शांत रहा, फिर वह परछाईं धीरे-धीरे एक बूढ़े आदमी का रूप लेने लगी। वह बोला—
“मैं इस गांव का पहरेदार हूँ। सालों पहले इस गांव को एक महामारी ने घेर लिया था। मैं सबको बचाते-बचाते खुद मर गया। मेरा वादा था—जब तक गांव सुरक्षित न हो, मेरी आत्मा पहरा देती रहेगी। मैंने किसी को मारा नहीं… मौत ने खुद उन्हें लिया।”
रवि को सच्चाई पता चली। उसने गांव में एक पूजा रखवाई। गांव वालों ने पहली बार मौत की छाँव को खतरा नहीं, बल्कि रक्षक की आत्मा माना। पूजा के बाद वह परछाईं धीरे-धीरे हवा में घुल गई… और अगले दिन गांव सालों बाद पहली बार बेखौफ नींद सोया।
---
⭐ कहानी की सीख (Moral of the Story)
हर डर के पीछे सच छुपा होता है।
बिना समझे किसी को दोषी नहीं मानना चाहिए।
साहस हमेशा अंधेरे पर जीतता है।