السراويل القصيرة خلق
इस वीडियो/ब्लॉग में हम WWII के उस हैरान कर देने वाले नाज़ी हथियार का पर्दाफाश करते हैं – एक विशाल “ध्वनि तोप” जैसा हथियार जिसमें पहाड़ों में बड़े हॉर्न लगे थे। मेथेन विस्फोटों से यह शक्तिशाली ध्वनि तरंगें निकालता था, जो 50 मीटर की दूरी पर 1000 मिलीबार से भी अधिक दबाव पैदा कर सकती थीं। कहा जाता है कि यह आधे मिनट में सैनिकों को मार सकता था, पर इसे कभी युद्ध में इस्तेमाल नहीं किया गया। जानिए इस अद्भुत WWII गुप्त हथियार की पूरी कहानी और तय करें कि क्या यह सचमुच वास्तविक था या महज एक मिथक!
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ভোরের আলোয় অযোধ্যার উঠোনে সীতামাতা কপালে সিঁদুর পরছিলেন। দূর থেকে হনুমান দেখছিলেন। তিনি জিজ্ঞেস করলেন, “মাতা, আপনি সিঁদুর কেন পরেন?” সীতা মৃদু হেসে বললেন, “প্রভু রামের দীর্ঘায়ু আর শুভরক্ষার জন্য।” কথাটা শুনেই হনুমানের মনে ভক্তির ঢেউ উঠল। তিনি ভাবলেন—যদি একটু সিঁদুর রামকে রক্ষা করে, তবে পুরো শরীর সিঁদুরে ঢেকে দিলে রাম আরও শক্তি পাবেন। মুহূর্তে হনুমান মাথা থেকে পা পর্যন্ত সিঁদুর মেখে দাঁড়ালেন। রাম বিস্ময়ে জিজ্ঞেস করলেন। হনুমান বললেন, “প্রভু, আপনার কল্যাণেই আমার ভক্তি।” রাম তাকে বুকে জড়িয়ে আশীর্বাদ করলেন।



