यह देखिए, उस ऐतिहासिक और बरकत वाले बाग़ की झलक, जिसे हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने अपने मुबारक हाथों से लगाया और सवारा था। इस बाग़ के हर पौधे में उनकी ख़ास निशानी है। इस प्यारे मंज़र को देखकर अपने दिल को सुकून और अपनी आँखों को ठंडक दीजिए।
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झारखंड का तिलैया डैम — जहाँ पानी के नीचे छिपा है एक डूबा हुआ संसार। मंदिर की घंटियाँ, आत्माओं की पुकार और रहस्य जो आज तक कोई सुलझा नहीं सका।