Kratke hlače Stvoriti
🎄🩸 **THE DEVIL’S CHRISTMAS TREE – Official Horror Description**
क्रिसमस की शांत और चमकती रात…
जहाँ हर घर रोशनी से जगमगा रहा था,
वहीं एक पुराने पेड़ की जड़ों में
कुछ ऐसा जाग रहा था जिसे कभी जगना नहीं चाहिए था।
जब शहर ने उस पेड़ को क्रिसमस ट्री बनाकर सजाया,
तो किसी को पता नहीं था कि
हर सजावट के अंदर **सदियों पुरानी एक अशुभ शक्ति** बंद थी —
एक ऐसा अभिशाप जो केवल “खून और अंधेरे” की गंध से ही सक्रिय होता था।
धीरे-धीरे शहर में
अजीब आवाज़ें, गायब होते लोग,
टूटती लाइटें और रात में चलते कदमों जैसी खामोश दस्तकें
किसी आने वाली तबाही का संकेत देने लगीं।
और फिर…
वो रात आई जब पेड़ ने **मानव शक्ल** धारण कर ली —
जहाँ उसकी डालियाँ हाथों में बदल गईं,
सजावटें आँखों की तरह चमकने लगीं
और तना किसी दानव की रीढ़ की तरह काँप उठा।
अब यह सिर्फ एक पेड़ नहीं रहा…
यह **क्रोध, प्रतिशोध और अंधेरी शक्तियों का जीवित रूप** बन चुका था।
कहते हैं उस रात उसने पूरे शहर का पीछा किया…
और जो भी उसके सामने आया —
उसे *कभी दोबारा देखा नहीं गया*।
क्रिसमस अब सिर्फ एक त्योहार नहीं…
एक चेतावनी है।
क्योंकि जब “The Devil’s Christmas Tree” जागता है,
तो रोशनी भी अंधेरा बन जाती है।
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## 🎥 **इस वीडियो में आपको मिलेगा—**
✔ रहस्य
✔ अलौकिक डर
✔ मनोवैज्ञानिक भय
✔ और एक ऐसा क्रिसमस जो कभी भुलाया नहीं जा सकेगा
By - Sadhgurudev Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji (Swami Nikhileshwaranand Ji Maharaj)
गुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी (स्वामी निखिलेश्वरानंद जी महाराज)
|| श्री गुरु चालीसा || (Lyrics)
दोहा
प्रन्वाऊ प्रथम गुरु चरण, बुद्धि ज्ञान गुन खान l
श्रीगणेश शारदसहित, बसों ह्रदय में आन ll
अज्ञानी मति मंद मैं, हैं गुरुस्वामी सुजान l
दोषोंसेमैं भरा हुआ तुम हो कृपा निधान ll
चौपाई
जय नारायण जय निखिलेश्वर l
विश्व प्रसिद्ध अखिल तंत्रेश्वर ll
यंत्र-मंत्र विज्ञानं के ज्ञाता l
भारत भू के प्रेम प्रेनता ll
जब जब हुई धरम की हानि l
सिद्धाश्रम ने पठए ज्ञानी ll
सच्चिदानंद गुरु के प्यारे l
सिद्धाश्रम से आप पधारे ll
उच्चकोटि के ऋषि-मुनि स्वेच्छा l
आय करन धरम की रक्षा ll
अबकी बार आपकी बारी l
त्राहि त्राहि है धरा पुकारी ll
मरुन्धर प्रान्त खरंटिया ग्रामा l
मुल्तानचंद पिता कर नामा ll
शेषशायी सपने में आये l
माता को दर्शन दिखलाये ll
रुपादेवि मातु अति धार्मिक l
जनम भयो शुभ इक्कीस तारीख ll
जन्म दिवस तिथि शुभ साधक की l
पूजा करते आराधक की ll
जन्म वृतन्त सुनाये नवीना l
मंत्र नारायण नाम करि दीना ll
नाम नारायण भव भय हारी l
सिद्ध योगी मानव तन धारी ll
ऋषिवर ब्रह्म तत्व से ऊर्जित l
आत्म स्वरुप गुरु गोरवान्वित ll
एक बार संग सखा भवन में l
करि स्नान लगे चिन्तन में ll
चिन्तन करत समाधि लागी l
सुध-बुध हीन भये अनुरागी ll
पूर्ण करि संसार की रीती l
शंकर जैसे बने गृहस्थी ll
अदभुत संगम प्रभु माया का l
अवलोकन है विधि छाया का ll
युग-युग से भव बंधन रीती l
जहाँ नारायण वहीं माँ भगवती ll
सांसारिक मन हुए अति ग्लानी l
तब हिमगिरी गमन की ठानी ll
अठारह वर्ष हिमालय घूमे l
सर्व सिद्धिया गुरु पग चूमें ll
त्याग अटल सिद्धाश्रम आसन l
करम भूमि आये नारायण ll
धरा गगन ब्रह्माण्ड में गूंजी l
जय गुरुदेव साधना पूंजी ll
सर्व धर्महित शिविर पुरोधा l
कर्मक्षेत्र के अतुलित योधा ll
ह्रदय विशाल शास्त्र भण्डारा l
भारत का भौतिक उजियारा ll
एक सौ छप्पन ग्रन्थ रचयिता l
सिद्धि साधक विश्व विजेता ll
प्रिय लेखक प्रिय गूढ़ प्रवक्ता l
भुत-भविष्य के आप विधाता ll
आयुर्वेद ज्योतिष के सागर l
षोडश कला युक्त परमेश्वर ll
रतन पारखी विघन हरंता l
सन्यासी अनन्यतम संता ll
अदभुत चमत्कार दिखलाया l
पारद का शिवलिंग बनाया ll
वेद पुराण शास्त्र सब गाते l
पारेश्वर दुर्लभ कहलाते ll
पूजा कर नित ध्यान लगावे l
वो नर सिद्धाश्रम में जावे ll
चारो वेद कंठ में धारे l
पूजनीय जन-जन के प्यारे ll
चिन्तन करत मंत्र जब गायें l
विश्वामित्र वशिष्ठ बुलायें ll
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