Corti Creare
समुद्र मंथन की पौराणिक कथा में देवताओं और असुरों ने मिलकर अमरता का अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र का मंथन किया। मंथन से कई अद्भुत रत्न निकले, जिनमें सबसे मूल्यवान था — अमृत। जब अमृत कलश निकला, तो असुरों ने उसे छीनने की कोशिश की, ताकि वे अमर हो सकें और देवताओं पर विजय प्राप्त कर सकें। तब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर असुरों को मोहित किया और अमृत देवताओं को पिला दिया। एक असुर, राहु, ने धोखे से अमृत पी लिया, लेकिन सूर्य और चंद्रमा ने उसकी पहचान कर ली। विष्णु ने तुरंत उसका सिर काट दिया। राहु का सिर अमर हो गया और यही कारण है कि राहु और केतु ग्रहण का कारण माने जाते हैं। यह कथा अमरता की लालसा, छल-कपट और ईश्वरीय न्याय का प्रतीक मानी जाती है।
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