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आजकल लोगों के असली चेहरे नज़र नहीं आते। हर कोई मुखौटा पहनकर घूम रहा है, एक ऐसी दुनिया में जहाँ मुस्कान अक्सर दर्द को छुपाती है और शब्दों का कोई भरोसा नहीं। काश, हम सब उस दिखावे से बाहर निकलकर सच्चे और ईमानदार बन सकें।
💔 ये कैसा दौर है, जहाँ अपने भी पराये लगते हैं? आज कल लोगों के असली चेहरे तो बस वक्त आने पर ही दिखते हैं, और वो मंजर अक्सर दिल तोड़ने वाला होता है। ज़रा संभलकर रिश्ता बनाना, क्योंकि हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती।
🧐 सोशल मीडिया की दुनिया में, फ़िल्टर और परफेक्ट लाइफस्टाइल के पीछे, आजकल लोगों के असली चेहरे ढूँढना नामुमकिन सा हो गया है। सब एक रोल प्ले कर रहे हैं। याद रहे, किरदार से ज़्यादा, इंसान की नीयत मायने रखती
#असलीचेहरे #सोशलमीडिया
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