Clipo skab
शाम का समय आता है और यादें ताजा हो जाती हैं, जब बचपन में हम दोस्तों के साथ पार्क में खेलते थे. कभी-कभी हम आसमान में उड़ते पतंगों को देखते हुए अपनी खुशियों के पल को जीते थे.
झूलते हुए, हम सपनों की दुनिया में खो जाते थे, जहाँ हर झूला एक नई कहानी कहता था. पेड़ों की छांव में हम छुपन-छुपाई खेलते थे, जहाँ हर पल नई खोज का अनुभव होता था.
सूरज जब ढलता था, तो हम अपने सपनों को साझा करते थे, जहाँ हर गाड़ी एक नई दौड़ होती थी
Kommentarer
Vis mere



