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shadi m ful masti
श्याम बाबा का अधूरा वचन” एक ऐसी दिव्य और भावुक कथा है
जो भक्ति, विश्वास और चमत्कार—
तीनों का संगम है।
यह कहानी बताती है कि सच्चा प्रेम और प्रार्थना
भगवान को भी चलकर अपने भक्त तक ले आती है।
राजस्थान के गाँव में रहने वाला एक बुजुर्ग पिता हरिराम,
रोज़ खाटू श्याम बाबा को फूल चढ़ाकर
अपने बेटे वीरू की सुरक्षा की दुआ करता था।
जीवन सादा था, परेशानी थी,
लेकिन उसका विश्वास कभी नहीं टूटा।
एक दिन भयानक हादसा हुआ—
पुलिसवाला घर आया और बोला कि
हरिराम का बेटा शहर में हुए एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गया है।
पिता की दुनिया बिखर गई।
हाथ काँपने लगे, पैर लड़खड़ा गए—
और वह रोते-रोते सड़क पर बैठ गया।
लेकिन विश्वास अभी भी जिंदा था।
वह बेटे को अस्पताल ले गया और ICU के बाहर बैठकर
श्याम बाबा से कहने लगा—
“बाबा… मैं तो रोज़ आपको फूल चढ़ाता था…
क्या मेरा वचन आज अधूरा रह जाएगा?”
रात के 2 बजे ICU का दरवाज़ा अपने आप खुला।
कोई आवाज़ नहीं…
पर कमरे में अचानक दिव्य सुनहरी रोशनी फैलने लगी।
मशीनों की बीप बदल गई।
और ऐसा लगा जैसे किसी ने पिता के कंधे पर हाथ रखकर कहा—
“मैंने तेरे फूल कभी व्यर्थ नहीं जाने दिए…
तेरा वचन अधूरा कैसे छोड़ सकता हूँ?”
सुबह होते ही डॉक्टर हैरान थे—
लड़का पूरी तरह होश में था।
उसने बताया कि रात को एक तेजस्वी रूप वाला युवक आया था
और बोला—
“तेरे पिता की भक्ति ने मुझे यहाँ बुलाया है।”
हरिराम समझ गया—
यह कोई इंसान नहीं था…
स्वयं खाटू श्याम बाबा आए थे।
यह कहानी इस सत्य की मिसाल है कि—
✨ भक्ति का फल देर से मिलता है, पर कभी अधूरा नहीं मिलता।
✨ बाबा अपने भक्त की पुकार जरूर सुनते हैं।
✨ जहाँ मन टूटता है… वहीँ से श्याम की कृपा शुरू होती है।
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हमेशा आप तक पहुँचती रहें।
🌸 जय श्री श्याम।
🌸 श्याम बाबा आपका हर वचन पूरा करें।
जब गरीब माली का आखिरी फूल श्याम बाबा ने स्वीकार लिया | Emotional Khatu Shyam Story #story #khatushya
यह वीडियो खाटू श्याम बाबा पर आधारित एक अत्यंत भावुक, प्रेरणादायक और दिव्य कथा प्रस्तुत करता है—
एक गरीब माली राघव की कहानी,
जो अपनी गंभीर रूप से बीमार बेटी को बचाने के लिए
अपनी सबसे प्रिय भेंट—श्याम बाबा को चढ़ाए जाने वाले फूल—
बेचने का निर्णय लेता है।
राघव रोज़ सुबह खाटू श्याम बाबा के चरणों में पहला फूल चढ़ाता था।
लेकिन जब बेटी की जान पर बन आई,
उसे या तो भगवान की पूजा करनी थी…
या अपनी बेटी को बचाना था।
उसने भगवान से कहा—
“बाबा, आज यह आखिरी फूल आपके चरणों में नहीं,
मेरी बेटी की साँसों में चढ़ा रहा हूँ।”
और तभी शुरू होता है
एक अद्भुत चमत्कार…
जो एक साधारण पिता के दिल को भी हिला देता है
और भगवान की ओर से आने वाली कृपा को भी दिखाता है।
रात के समय अस्पताल में
एक दिव्य पुरुष का आगमन होता है—
धवल वस्त्र, तेजस्वी चेहरा,
और माथे पर मोरपंख जैसी छवि…
जो बीमार बच्ची के सिर पर हाथ रखते ही
कमरे को सुनहरी रोशनी से भर देता है।
अगली सुबह बेटी पूरी तरह स्वस्थ हो जाती है।
और घर लौटते समय राघव को अपनी ही फूलों की टोकरी
दरवाज़े पर रखी मिलती है,
उस पर एक चिट्ठी के साथ—
“तेरा दिया हुआ हर फूल मैंने स्वीकार किया है…
और आज तेरी भक्ति लौटाई है। – खाटू श्याम”
यह कहानी हमें सिखाती है—
✨ भक्ति चीज़ों में नहीं… नीयत में होती है।
✨ सच्चे मन से माँगा गया वरदान कभी खाली नहीं जाता।
✨ श्याम बाबा अपने भक्तों की पुकार तुरंत सुनते हैं।
✨ गरीब का दिया हुआ एक फूल भी भगवान तक जल्दी पहुँचता है।
यह वीडियो हर उस व्यक्ति के लिए है
जो संघर्ष में है, टूट चुका है,
या अपनी जिंदगी में चमत्कार की प्रतीक्षा कर रहा है।
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आपके जीवन में
श्याम बाबा की कृपा सदा बनी रहे।
🌸 जय श्री श्याम 🌸
श्याम बाबा की पायल | गरीब माँ की अनसुनी भक्ति का चमत्कार | Khatu Shyam Miracle Story | #shyam #bhakt
यह वीडियो एक बेहद भावुक और अद्भुत दिव्य कथा “श्याम बाबा की पायल” पर आधारित है—
एक ऐसी गरीब विधवा माँ की कहानी,
जिसकी भक्ति और त्याग को देखकर
स्वयं खाटू श्याम बाबा उसके जीवन में चमत्कार लेकर आते हैं।
गाँव की गरीब महिला मधु,
अपनी छोटी बेटी गौरी के साथ
बहुत मुश्किलों में अपना जीवन गुज़ार रही थी।
एक दिन गौरी अचानक घायल हो जाती है,
और डॉक्टर कहते हैं कि उसे तुरंत बड़े अस्पताल ले जाना होगा।
मधु के पास पैसे नहीं… साधन नहीं…
पर विश्वास बहुत था।
अपने भगवान के लिए संभालकर रखी
शादी की चाँदी की पायल
वही उसकी आखिरी उम्मीद बन जाती है।
वह तय करती है कि बेटी को बचाने के लिए
वह अपनी प्रिय पायल भी बेच देगी।
लेकिन रास्ते में एक दिव्य युवक—
सफेद घोड़े पर सवार,
मोरपंख-सा तेजस्वी—
उसे रोकता है और उसकी पायल “खरीदने” की बात करता है।
वह सोने का सिक्का देता है…
और कहता है—
“अब चिंता मत कर…
तेरी बेटी कल से पहले ही ठीक हो जाएगी।”
अस्पताल पहुँचकर मधु देखती है कि
डॉक्टर भी चमत्कार देखकर हैरान हैं।
गौरी पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी है!
और जब मधु घर लौटती है—
तो घर के दरवाज़े पर वही पायलें
एक दिव्य आभा के साथ रखी हुई मिलती हैं,
और पास ही एक चिट्ठी—
“मैंने तेरी भक्ति की परीक्षा ली थी…
पायल यहीं थी—
और अब तेरी खुशियाँ भी यहीं रहेंगी।
– खाटू श्याम”
यह कहानी हमें सिखाती है कि—
✨ भक्ति की कीमत पैसे में नहीं, नीयत में होती है।
✨ गरीब का छोटा सा त्याग भी भगवान तक सीधे पहुँचता है।
✨ श्याम बाबा कभी देर से आते हैं, पर खाली नहीं आते।
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🌸 जय श्री श्याम।
🌸 श्याम बाबा सबकी मनोकामनाएँ पूर्ण करें।
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