महादेव और दैत्यराज जलंधर का अद्भुत युद्ध”—देवों के देव महादेव की कथा में जलंधर का जन्म समुद्र मंथन के समय विष्णु जी के तेज से हुआ था। उसका अहंकार और शक्ति इतनी प्रबल थी कि देवताओं तक को पराजित कर दिया। जब उसका अत्याचार बढ़ा, तब महादेव को स्वयं युद्ध का सामना करना पड़ा।
जलंधर को माता पार्वती के तप, पवित्रता और सत्य की शक्ति प्राप्त थी, इसलिए वह अजेय था। लेकिन जब उसकी छल-कपट और अधर्म बढ़ा, तब महादेव ने धर्म की रक्षा के लिए अपना दिव्य रूप धारण किया।
इस युद्ध में महादेव के क्रोध, तांडव, शक्ति और न्याय की झलक मिलती है। अंत में महादेव अपने त्रिशूल से जलंधर का विनाश करते हैं और संसार में पुनः शांति स्थापित होती है।
यह Shorts वीडियो धर्म, भक्ति और पौराणिक ज्ञान को समर्पित है। हर दृश्य महादेव की शक्ति, न्याय और करुणा का प्रतीक है।