Kratke hlače Stvoriti
“अक्कलकोट के महाराज स्वामी समर्थ, दत्तत्रेय भगवान के अवतार माने जाते हैं। उनका व्यक्तित्व अत्यंत दिव्य, शांत और करुणा से भरा हुआ था। स्वामीजी अपने भक्तों के दुख दूर करने और उनके जीवन को सही दिशा देने के लिए प्रसिद्ध हैं। ‘भक्तांनो, भिऊ नका… मी तुजा पाठीशी आहे!’ जैसे उपदेशों से उन्होंने अनगिनत लोगों को आश्वासन दिया।
स्वामी समर्थ की कृपा जिसे मिल जाती है, उसका जीवन आनंद से भर जाता है। उनकी वाणी, उनका आशीर्वाद, और उनकी अद्भुत चमत्कारी शक्तियाँ आज भी भक्तों के जीवन में प्रकाश और शक्ति का संचार करती हैं।”
“मेहरानगढ़ हवेली की लौटती आहटें”
राजस्थान की सीमा पर स्थित सदियों पुरानी मेहरानगढ़ हवेली आज भी अपने भीतर एक ऐसा राज छुपाए बैठी है, जिसका आतंक समय के साथ और गहरा होता जा रहा है। महारानी चारुलता, जो 120 साल पहले रहस्यमय तरीके से गायब हो गई थीं, कहा जाता है कि अब भी हवेली में लौटने वाले कदमों की तरह भटकती हैं।
जब शहर से आए तीन साहसी लोग—आकाश, विधि और सौरभ—हवेली के अंदर कदम रखते हैं, तो वे एक ऐसे भयावह रहस्य में फंस जाते हैं जिसे समझना इंसानी बस की बात नहीं। खाली सीढ़ियों पर गूंजते ऊँची एड़ी की आवाज़ें, बिना बिजली के जल उठता झूमर, और सीढ़ियों पर धीरे-धीरे उतरती एक अदृश्य महिला की परछाईं…
क्या महारानी चारुलता वास्तव में वापस आ चुकी हैं?
और अगर हाँ—तो तीनों पर्यटक अब कहाँ हैं?
अगली सुबह हवेली शांत थी, पर सीढ़ियों पर तीन नए कदमों के निशान थे…
मानो कोई अभी-अभी हवेली में दाख़िल हुआ हो—और वापस कभी न लौटा हो।
एक सिहरन भरी कहानी, जहाँ हर कदम पर मौत नहीं… बल्कि किसी की वापसी छिपी है।



