السراويل القصيرة خلق
“अक्कलकोट के महाराज स्वामी समर्थ, दत्तत्रेय भगवान के अवतार माने जाते हैं। उनका व्यक्तित्व अत्यंत दिव्य, शांत और करुणा से भरा हुआ था। स्वामीजी अपने भक्तों के दुख दूर करने और उनके जीवन को सही दिशा देने के लिए प्रसिद्ध हैं। ‘भक्तांनो, भिऊ नका… मी तुजा पाठीशी आहे!’ जैसे उपदेशों से उन्होंने अनगिनत लोगों को आश्वासन दिया।
स्वामी समर्थ की कृपा जिसे मिल जाती है, उसका जीवन आनंद से भर जाता है। उनकी वाणी, उनका आशीर्वाद, और उनकी अद्भुत चमत्कारी शक्तियाँ आज भी भक्तों के जीवन में प्रकाश और शक्ति का संचार करती हैं।”
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